• img-fluid

    विदेशों में बढ़ी भारत के बासमती चावल की मांग, 13 फीसदी बढ़ा निर्यात

  • July 15, 2024

    नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय बासमती चावल (Indian basmati rice) की मांग विदेश (Demand increasing abroad) में लगातार बढ़ रही है। हालांकि, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में मामूली गिरावट (Slight decline in exports) देखने को मिली है। एग्रीकल्चरल एंड प्रॉसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीडा) के आंकड़े के मुताबिक, भारत ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-मई अवधि में 103.7 करोड़ डॉलर (worth 103.7 million dollars) के बासमती चावल का निर्यात (Export of Basmati rice) किया। यह 2023-24 की समान अवधि के 91.7 करोड डॉलर की तुलना में 13.11 फीसदी अधिक है।


    दरअसल, घरेलू बाजार में कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार की ओर से चावल के निर्यात पर लगाए प्रतिबंधों का असर अन्य किस्मों पर पड़ा है। यही वजह है कि अप्रैल-मई में गैर-बासमती चावल का निर्यात सालाना आधार पर 13.35 फीसदी घटकर 91.9 करोड़ डॉलर रह गया। आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-मई अवधि में कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात सालाना आधार पर मामूली 0.49 फीसदी घटकर 433.7 करोड़ डॉलर रह गया। 2023-24 की समान अवधि में निर्यात का यह आंकड़ा 435.8 करोड़ डॉलर रहा था।
    विज्ञापन

    ताजी सब्जियों और फलों की मांग में आई कमी
    सब्जियों और फलों के निर्यात में भी गिरावट देखने को मिली है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-मई अवधि में भारत से 12.2 करोड़ डॉलर की ताजी सब्जियों का निर्यात किया गया। यह आंकड़ा 2023-24 की समान अवधि में निर्यात किए गए 12.3 करोड़ डॉलर की सब्जियों की तुलना में 1.08 फीसदी है। इस दौरान ताजे फलों का निर्यात भी सालाना आधार पर 7.86 फीसदी घटकर 20.5 करोड़ डॉलर रह गया।
    फल और सब्जियों के बीजों का निर्यात एक साल पहले के 3.4 करोड़ डॉलर से 10.85 फीसदी बढ़कर अप्रैल-मई के दौरान 3.8 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया।

    डेयरी उत्पादों व मांस में वृद्धि
    डेयरी उत्पादों का मांग एक साल पहले के मुकाबले 30.23 फीसदी बढ़कर 9.8 करोड़ डॉलर पहुंच गया। 2023-24 की अप्रैल-मई अवधि में देश से 7.5 करोड़ डॉलर के डेयरी उत्पादों का निर्यात किया गया था। इसी प्रकार, भैंस, बकरे, भेड़ और अन्य तरह जानवरों के मांस का निर्यात भी 7.99 फीसदी बढ़कर 70 करोड़ डॉलर पहुंच गया। पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात भी 15.32 फीसदी घटकर 2.5 करोड़ डॉलर रह गया। 2023-24 की अप्रैल-मई में 2.9 करोड़ डॉलर का निर्यात किया गया था।

    वैश्विक चुनौतियों के बाद भी सकारात्मक रहा निर्यात : गोयल
    वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, वैश्विक चुनौतियों के बावजूद मई में भारत के निर्यात में अच्छी वृद्धि हुई है। जून और पहली तिमाही में भी यह सकारात्मक रहा है।

    गोयल ने कहा, मई में वस्तु निर्यात 9.1 फीसदी बढ़कर 38.13 अरब डॉलर पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-मई भी निर्यात 5.1 फीसदी बढ़कर 73.12 अरब डॉलर रहा है। मंत्री ने कहा, रूस-यूक्रेन व इस्राइल-हमास युद्ध, लाल सागर संकट और कंटेनर की कमी के मुद्दों के बावजूद हमारा निर्यात सकारात्मक दायरे में है। हमारे साथ एक और लाभ की स्थिति सेवा निर्यात की तेज वृद्धि है।

    प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर मंत्री ने कहा, एक बार जब अंतरराष्ट्रीय मंदी की स्थिति में सुधार होने लगेगा और अमेरिका-यूरोप में ब्याज दरें कम होने लगेंगी, तो विदेशी निवेश का प्रवाह बढ़ेगा।

    Share:

    अमीरी-गरीबी की खाई अब भी बेहद चौड़ी, गांवों के मुकाबले 10 गुना तक ज्यादा खर्च खरते हैं शहरी

    Mon Jul 15 , 2024
    नई दिल्ली (New Delhi)। शहरीकरण बढ़ने (Increase Urbanization) के बावजूद गांव और शहर (Village and city) के बीच का अंतर खत्म होने ना नाम नहीं ले रहा है। यदि प्रति व्यक्ति मासिक खर्च (Monthly expenses per person) को आधार बनाया जाए तो यह है कि शहर और गांव के बीच अमीरी-गरीबी की खाई (Gap between […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved