इंदौर: देश में चल रहे लाउडस्पीकर विवाद (loudspeaker controversy) के बाद इंदौर में सुंदरकांड और हनुमान चालीसा (SunderKand and Hanuman Chalisa) की डिमांड काफी बढ़ गई है. इन दोनों ही धार्मिक ग्रंथों की डिमांड (demand for religious texts) आम दिनों के मुकाबले लगभग दोगुनी हो गई है. खास बात यह है कि इंदौर में हिंदी ही नहीं उर्दू की हनुमान चालीसा (urdu hanuman chalisa) भी खासी डिमांड में है.
पहले बहुत मुश्किल से हिंदी के अलावा अन्य भाषा की हनुमान चालीसा की बिक्री होती थी, लेकिन अब लोग उर्दू में लिखी हनुमान चालीसा खरीद रहे हैं. राजवाड़ा स्थित सरदार सोहन सिंह बुक सेलर पर लोक उर्दू में लिखी हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और रामायण लेने पहुंच रहे हैं. दुकानदार की माने तो पहले जहां एक दिन में 200 के आसपास धर्म की किताबे बिकती थी पिछले कुछ दिनों से डिमांड दुगनी हो गई.
सरदार सोहन सिंह बुक सेलर (Sardar Sohan Singh Book Seller) के संचालक ने बताया पंजाब के सिंध प्रदेश से विस्थापित लोग, जिन्होंने इंदौर में शरण ली थी वो लोग वर्षों तक पाकिस्तान में रहे. इसलिए इन्हें उर्दू भाषा में बोलना और पढ़ना हिंदी की अपेक्षा ज्यादा सरल है. इसलिए इस समुदाय के लोग उर्दू भाषा में हनुमान चालीसा रामायण और सुंदर कांड खरीदने आते हैं. लेकिन इन दिनों इनके अलावा भी लोग हनुमान चालीसा खरीद रहे हैं.
पिछले कुछ दिनों से इन किताबों की डिमांड ज्यादा बढ़ गई है. सबसे खास बात युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा हनुमान चालीसा खरीदने दुकान पर पहुंच रही है. दुकान संचालक ने कहा पिछले कई सालों के अपेक्षा पिछले कुछ महीनों में युवाओं ने सबसे ज्यादा हनुमान चालीसा खरीदी है. इंदौर में वैसे तो हनुमान चालीसा का पाठ अधिकतर हिंदू परिवारों में ही होता है, लेकिन अब अन्य भाषा के लोग भी इसका पाठ कर रहे हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved