नई दिल्ली: साल 2008 के मुंबई आतंकी हमले (Mumbai Terror Attack) में मारे गए एसआरपीएफ कांस्टेबल के पिता ने बुधवार को आरोपी तहव्वुर राणा (Tahavvur Rana) के लिए फांसी की सजा की मांग की है. उन्होंने 16 साल पहले हुए नरसंहार के बाद उपजे मानसिक अवसाद के बारे में बताया है. सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को जल्द ही अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किए जाने की उम्मीद है.
एसआरपीएफ कांस्टेबल राहुल शिंदे के पिता सुभाष शिंदे ने कहा, ”166 लोगों की जान लेने वाले हमलों के सभी आरोपियों को कड़ी सजा देना आतंकी हमले में मारे गए पुलिस अधिकारियों और नागरिकों के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी. इस घातक हमले में बहुत से लोग मारे गए. इसके 16 साल बीत जाने के बाद भी उसका नकारात्मक प्रभाव आज भी मेरे दिमाग में है.”
मृतक कांस्टेबल के 65 वर्षीय पिता ने कहा, “चूंकि आतंकी हमले में तहव्वुर राणा की भूमिका सामने आ गई है, इसलिए हमें उसे जेल में जिंदा रखकर नहीं छोड़ना चाहिए. उसे फांसी पर लटका देना चाहिए.” उन्होंने कहा कि घटना में पाकिस्तान की भूमिका भी सामने आ गई है. दुनिया ने ये सब देखा है. साजिश में शामिल सभी लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए.
सुभाष शिंदे ने कहा, “जब भी मैं हमले के बारे में बात करता हूं, तो मुझे आतंकी हमले की भयावह तस्वीरें दिखाई देती हैं. हमने जो नुकसान झेला है, हमारे पुलिसकर्मियों, सैनिकों और नागरिकों की जान गई है, उसे भुलाया नहीं जा सकता. पूरी साजिश का पर्दाफाश करना और हमले के सभी आरोपियों को सजा देना हमले में मारे गए लोगों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.”
इस आतंकवादी हमले में घायल हुए एक अन्य पुलिसकर्मी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि अधिकारियों को तहव्वुर राणा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. उसे अपराध के लिए दंडित करना चाहिए. राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) के कांस्टेबल राहुल शिंदेमुंबई में ताज महल पैलेस होटल में आतंकी हमले के बाद घुसने वाले पहले पुलिसकर्मी थे.
सुभाष शिंदे महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में रहते हैं, जहां उनका खेत है. माधा तालुका में उनके गांव सुल्तानपुर का नाम उनके बेटे के नाम पर राहुल नगर रखा गया है. उनके दूसरे बेटे प्रवीण एलपीजी एजेंसी चलाते हैं, जो सरकार ने उन्हें दी थी. 26 नवंबर, 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अरब सागर के रास्ते मुंबई में घुसने के बाद हमला किया था.
इसमें 166 लोग मारे गए थे, जिसमें में अमेरिकी, ब्रिटिश और इजरायली नागरिक शामिल थे. करीब 60 घंटे तक चले हमले ने देश में सनसनी फैला दी. भारत और पाकिस्तान को युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया. आतंकवादियों ने मुंबई में कई प्रतिष्ठित स्थानों को निशाना बनाया था, जिनमें ताज होटल, ओबेरॉय होटल, लियोपोल्ड कैफे, चबाड हाउस और रेलवे स्टेशन शामिल थे.
इस दौरान एक आतंकी अजमल आमिर कसाब को पकड़ा गया था. उसे पुणे की यरवदा जेल में फांसी पर लटका दिया गया. अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने हमलों के एक साल बाद अक्टूबर 2009 में शिकागो में तहव्वुर राणा को मुंबई और कोपेनहेगन में आतंकवादी हमलों के लिए सामग्री सहायता की व्यवस्था करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
सूत्रों के अनुसार तहव्वुर राणा ने अमेरिका में उपलब्ध सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर लिया है. उसे जल्द भारत वापस लाया जा रहा है. मुंबई आतंकी हमले के इस आरोपी को भारत लाने के लिए कई एजेंसियों की एक टीम अमेरिका में है. यह महत्वपूर्ण घटनाक्रम तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को रोकने के अंतिम प्रयास के कुछ दिनों बाद आया है.
क्योंकि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसके आवेदन को खारिज कर दिया था. इसके बाद उसके प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया और उसे भारत लाने की उम्मीद भी बढ़ गई. 64 साल तहव्वुर राणा को लॉस एंजिल्स में हिरासत में रखा गया है. उसे अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा माना जाता है, जो 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था.
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