नागदा। कन्याशाला चौराहा पर स्थित शासकीय प्रावि स्कूल की पहली मंजिल के कमरे का प्लास्टर गिरने का मामला तूल पकड़ रहा है। सोमवार को अभिभावक जनकल्याण मंच ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए जांच कमेटी के गठन की मांग उठाई है। दूसरी तरफ सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल हमीद ने इस जगह पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स निर्माण की बात कहते हुए स्कूल को पुरानी नगर पालिका के पास बने स्कूल में स्थानांनतरित करने की कार्रवाई 2010 से लंबित रखने का आरोप लगाया। इधर प्लास्टर गिरने के दूसरे दिन भी स्कूल उसी भवन में संचालित हो रहा था। अधिकारियों का कहना है कि भवन के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है। नया भवन बनने तक स्कूल पुरानी नगर पालिका के पास स्थित स्कूल भवन में शिफ्ट करेंगे। इधर अभिभावक जनकल्याण मंच द्वारा एसडीएम के नाम नायब तहसीलदार नवीन छलोत्रे को सौंपे ज्ञापन में बताया कि 12 मार्च दोपहर 3 बजे हुई घटना के समय 131 बच्चे स्कूल में मौजूद थे। गनीमत रही कि यह कमरा खाली था।
फिर भी प्लास्टर गिरते ही स्कूल में भगदड़ की स्थिति बनी। 2017 में पहली बार छत का प्लास्टर गिरा था। इससे पहले मलबा गिरने से एक बालिका चपेट में आई थी। इसलिए प्रबंधन ने स्कूल के दोनों जर्जर कमरों में कक्षा का संचालन बंद कर दिया। पिछले एक साल से दोनों कमरे बंद है। अभी सिर्फ भूतल के दो कमरों में ही कक्षाएं लगती है। स्कूल का प्लास्टर गिरना इस बात का सबूत है कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से इसका समय पर मैटेनेंस नहीं हुआ। इस घटना के पीछे जिम्मेदार कौन है। इसकी जांच के लिए कमेटी का गठन कर उचित कार्रवाई की जाना चाहिए। ज्ञापन सौंपते समय मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष व संभाग अध्यक्ष शैलेंद्रसिंह चौहान, संघ अध्यक्ष मेघा धवन, सचिव शिल्पा गुप्ता, अभय चौपड़ा, रवि, भावेश चौहान, पवन गुप्ता आदि मौजूद थे।
2010 के चुनाव में शॉपिंग बनाने की बात हुई थी
सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल हमीद ने 2010 के नपा चुनाव के समय भाजपा द्वारा जारी संकल्प पत्र में जर्जर कन्याशाला भवन को शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने की बात दोहराई है। हमीद ने कहा कि पूर्व नपाध्यक्ष शोभा गोपाल यादव द्वारा जारी संकल्प पत्र के अनुसार यहां शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और स्कूल को पुरानी नगर पालिका के पास बने स्कूल में स्थानांनतरित किया जाना था। मगर तब से यह कार्रवाई लंबित पड़ी है। उन्होंने ने कहा इससे पहले भी स्कूल की गैलरी ध्वस्त हो गई थी। हालांकि रात में यह घटना होने से जानमाल का नुकसान नहीं हुआ था। तब भी शासन ने कार्रवाई प्रारंभ की थी, जो ठंडे बस्ते में चली गई। संकल्प पत्र के अनुसार पूर्व नपाध्यक्ष शोभा यादव ने तत्कालीन लोनिवि मंत्री व शिक्षा मंत्री से मिलकर कार्रवाई भी शुरू कर दी थी मगर उनके कार्यकाल के बाद सारे काम ठप्प पड़ गए। यादव के कार्यकाल में कन्याशाला चौराहा को चौड़ा करने के लिए पुरानी प्याऊ, स्कूल बाउंड्रीवॉल पीछे से हटाई गई, लेकिन यहां गुमटियां रखकर चौराहा को संकरा कर दिया गया।
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