नई दिल्ली: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में रमजान के दौरान वूजू के लिए व्यवस्था किए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की तरफ से दायर इस याचिका पर चीफ जस्टिस से जल्द सुनवाई की मांग की गई. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 14 अप्रैल को इस मामले में सुनवाई तय की है.
इस मस्जिद के वुजूखाने में कथित रूप से ‘शिवलिंग’ पाए जाने के दावों के बाद कोर्ट के आदेश पर इसे सील कर दिया गया था. ऐसे में याचिकाकर्ताओं की तरफ से मांग की गई है कि रमजान के महीने में नमाजियों की बढ़ी तादाद के मद्देनजर मस्जिद में वुजू की अलग से कोई व्यवस्था की जाए. वजू हर नमाज से पहले की जाने वाली एक अहम प्रक्रिया है. इसका मकसद नमाज से पहले खुद साफ सुथरा करना होता है. इसके लिए मुस्लिम लोग अपने हाथ, पैर और चेहरे आदि या हवा से सीधे संपर्क में रहने वाले स्थानों को पानी से धोते हैं.
इससे पहले इस मामले हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु जैन की ओर से कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि मस्जिद के भीतर मौजूद वुजूखाने में शिवलिंग मिला है. इसलिए इस स्थान को सील किया जाए. वाराणसी कोर्ट ने उनकी मांग को स्वीकार करते हुए जिला प्रशासन को आदेश दिया था कि मस्जिद के जिस वजूखाने के अंदर शिवलिंग मिला है, उसे सील कर दिया जाए और जिला प्रशासन उसे अपनी सुरक्षा में ले ले.
बता दें कि हिन्दू पक्ष इसे काशी विश्वनाथ का प्राचीन मंदिर बताता है. उसका दावा है नंदी के ठीक सामने ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वजू खाने में शिवलिंग मिला है. वहीं मुस्लिम पक्ष ने इन सभी दावों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि वुजूखाने के बीच में मिला ढांचा दरअसल प्राचीन फव्वारा है.
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