नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर को लेकर जानकारों ने बड़ा खुलासा किया है। जानकारों ने एक शोध के आधार पर दावा किया है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वैरिएंट जिम्मेदार है। इसे अल्फा से भी ज्यादा संक्रामण बताया जा रहा है। INSACOG की ओर से किए गए एक शोध में इसका दावा किया गया है।
देश में इस वैरिएंट को चिंता का विषय बताया गया है। अब तक इसके 12000 से ज्यादा मामले सामने आ गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल ने इसकी जानकारी दी। बता दें कि इस शोध को INSACOG ने किया है। ये भारत में जीनोम अनुक्रमण करने वाली प्रयोगशालाओं का संघ है।
Delta variant primary cause behind second COVID wave, finds a study carried out by scientists of INSACOG (the consortium of labs undertaking genome sequencing in India) and National Centre for Disease Control (NCDC) on the reasons behind the second wave
— ANI (@ANI) June 4, 2021
डेल्टा (B1.617.2) अल्फा (B.1.1.7) की तुलना मे 50 फीसदी तेजी से फैलता है। इसमें दिलचस्प बात यह है कि वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना के इस वैरिएंट से संक्रमित होने की संभावनाएं काफी ज्यादा हैं। वहीं कोरोना के अल्फा वैरिएंट की बात करें तो टीका लगने के बाद इस वैरिएंट से एक भी व्यक्ति कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ है।
दूसरी लहर में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने सभी वैरिएंटों को पीछे छोड़ दिया और देश में कोरोना का सबसे प्रमुख वैरिएंट मौजूदा समय में डेल्टा ही है। बता दें कि कुल 29000 जीनोम अनुक्रमण (सिक्वेंसिंग) में 1000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। अबतक इस वैरिएंट के 12,200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इस वैरिएंट की मौजूदगी देश के सभी राज्यों में है। डेल्टा वैरिएंट का सबसे ज्यादा असर दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना में देखने को मिला है।
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