निकोसिया। कोरोना वायरस (Corona virus) का एक और वेरिएंट सामने आया है, जिसे ‘डेल्टाक्रोन’ (Deltacron) नाम दिया गया है. साइप्रस (Cyprus) में मिले इस नए वेरिएंट के अब तक 25 मामले सामने आ चुके हैं. डेल्टाक्रोन का जेनेटिक बैकग्राउंड कोरोना के डेल्टा (Delta) वेरिएंट के समान है, साथ ही इसमें ओमिक्रॉन (Omicron) जैसे कुछ म्यूटेशन भी हैं, इसीलिए इसे डेल्टाक्रोन नाम दिया गया है.
साइप्रस में ‘डेल्टाक्रोन’ से पीड़ित लोगों के नमूनों की जांच में पाया गया कि इसमें ओमिक्रॉन के 10 म्यूटेशन थे. 11 नमूने उन लोगों के थे, जो वायरस के कारण अस्पताल में भर्ती थे, जबकि 14 सामान्य आबादी से आए थे. साइप्रस यूनिवर्सिटी में बायोलॉजिकल साइंसेज के प्रोफेसर लियोनडिओस कोस्ट्रिक्स (Leondios Kostrikis) ने कहा कि यह स्ट्रेन डेल्टा और ओमिक्रॉन की जुगलबंदी से तैयार हुआ है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती रोगियों के बीच म्यूटेशन की तीव्रता अधिक थी, जो नए वेरिएंट और अस्पताल में भर्ती होने के बीच संबंध की तरफ इशारा करती है. कोस्ट्रिक्स ने कहा कि ओमिक्रॉन और डेल्टा अभी दुनिया भर में सबसे ज्यादा प्रभावशाली है और इन दोनों के मिश्रित संक्रमण से यह नया वेरिएंट आकार ले रहा है. इस वेरिएंट का डेल्टा के समान जेनेटिक बैकग्राउंड है. साथ ही ओमिक्रॉन से कुछ म्यूटेशन भी हैं. उन्होंने बताया कि 25 केसों से जुड़े सैंपल इंटरनेशनल डेटाबेस सेंटर GISAID भेजे गए हैं, ताकि आगे इसका और विश्लेषण किया जा सके. हालांकि, साइप्रस के स्वास्थ्य मंत्री मिखलिस हाडजीपांडेलस ने कहा कि नया वेरिएंट फिलहाल चिंता की बात नहीं है. कोस्ट्रिक्स का कहना है कि हम आगे चलकर यह देखेंगे कि ये वेरिएंट ज्यादा बीमार करने वाला है या ज्यादा संक्रामक ही रहता है. पूरे विश्लेषण के बाद ही पता चल पाएगा कि डेल्टाक्रोन वेरिएंट ओमिक्रॉन के मुकाबले कितना असर दिखाता है. वैसे मेरी निजी राय यह है कि ये स्ट्रेन भी कोरोना के बेहद संक्रामक ओमिक्रॉन वेरिएंट से पीछे रह जाएगा. बता दें कि दुनिया के कई देशों में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं.