डेस्क: नासिक से अपने घर सतना लौट रही गर्भवती महिला ने मुंबई-वाराणसी कामायनी एक्सप्रेस में बच्चे को जन्म दिया. चलती ट्रेन में बीच रास्ते प्रसव हुआ. खास बात ये कि ट्रेन के जनरल कोच में डिलीवरी के समय वहां मौजूद अन्य महिलाओं ने गर्भवती की मदद की.
जानकारी के अनुसार, कृष्ण मुरारी रावत नासिक में मिस्त्री का काम करते हैं. वह पत्नी रेशमा के साथ कामायनी एक्सप्रेस के जनरल कोच से सतना लौट रहे थे. इस बीच रास्ते में ही रेशमा को इटारसी स्टेशन के बाद रात 3 बजे प्रसव पीड़ा हुई. भोपाल आते-आते पीड़ा इतनी बढ़ गई कि भोपाल-विदिशा के बीच चलती ट्रेन में डिलेवरी करनी पड़ी.
जनरल कोच में रेशमा की प्रसव पीड़ा देखकर कोच में सफर कर रहीं अन्य महिला यात्रियों ने आनन-फानन में बोगी के अंदर ही महिला की नॉर्मल डिलीवरी करवाई. इस दौरान महिला ने एक बिटिया को जन्म को दिया. जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.
कोच में सफर कर रहे एक युवक ने सुबह 5 बजे महिला के प्रसव संबंधित जानकारी आरपीएफ को दी, जिसके बाद विदिशा स्टेशन में तैनात हेड कांस्टेबल हंस कुमार महतो ने स्टेशन मास्टर को सूचना दी. 108 एंबुलेंस बुलवाई गई और ट्रेन के स्टेशन पहुंचते ही महिला को हॉस्पिटल पहुंचाया गया.
बच्ची के जन्म के बाद कोच में यात्रा कर रहे यात्रियों ने कृष्ण मुरारी और उनकी पत्नी को बधाई दी. क्योंकि बच्ची का जन्म चलती ट्रेन में हुआ था और ट्रेन का नाम महान साहित्यकार जयशंकर प्रसाद के महाकाव्य कामायनी के नाम पर है, इसी से प्रभावित कृष्ण मुरारी रावत ने परिवार जन और यात्रियों के सुझाव पर बेटी का नाम कामायनी रख दिया.
बिटिया रानी के जन्म से खुश कृष्ण मुरारी रावत ने प्रसव पीड़ा के दौरान उनकी मदद के लिए कोच के सभी यात्रियों का आभार प्रकट किया. इस घटना में जनरल कोच में सफर कर रहे सभी यात्री मानवता की मिसाल बने और हर मुसीबत में समाज की मदद के साथ खड़े रहने की नजीर पेश की.
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