नई दिल्ली। दिल्ली में अब रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। दिल्ली सरकार ने एक नया सिस्टम तैयार कर लिया है जिसके जरिए अस्पताल सीधे तौर पर इंजेक्शन की मांग कर सकेगा। अगर किसी अस्पताल ने ऐसा नहीं किया और जबरन तीमारदार को परेशान किया तो उक्त अस्पताल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
दरअसल मंगलवार को अमर उजाला ने दिल्ली सहित पूरे एनसीआर में रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर सरकारी तंत्र की खामियों को उजागर किया था। साथ ही बताया गया कि अस्पतालों की मनमानी की वजह से कालाबाजारी बढ़ रही है और तीमारदार मुंबई, हैदराबाद, बंगलूरू तक से इंजेक्शन मंगाने के लिए धक्के खा रहे हैं। जबकि रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट भी सरकार को तत्काल नए विकल्प पर काम करने का आदेश दे चुका है। इसके बाद भी हालात सुधरे नहीं हैं।
दिल्ली औषधि नियंत्रण विभाग के प्रमुख डॉ. एसके नासा ने लिखित में आदेश जारी किए हैं कि सरकार, अस्पताल और वितरकों को एक साथ लाने के लिए एक वेबसाइट शुरू की जा रही है जिस पर एक विशेष यूनिक आईडी और पासवर्ड होगा। इसके जरिए ही अस्पताल से इंजेक्शन की मांग आएगी और वहां से ही यह वितरक तक पहुंचेगी। इसके बाद वितरक इंजेक्शन की आपूर्ति अस्पताल में ही करेगा। इस दौरान फॉर्मा कंपनियों के सभी वितरक हर दिन अपने भंडारण के बारे में वेबसाइट पर पूरा ब्यौरा भी देंगे।
ड्रग कंट्रोलर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर कोई कोरोना संक्रमित मरीज गंभीर हालत में है और उसे रेमडेसिविर इंजेक्शन चाहिए तो उक्त रोगी की पूरी जानकारी के साथ अस्पताल वेबसाइट पर लॉगइन करेगा। यहां वितरकों के फोन नंबर और भंडारण के बारे में पूरी जानकारी होगी। यहां मांग दर्ज होने के बाद उसकी आपूर्ति होगी। इसका किसी तीमारदार से कोई लेना देना नहीं है और न ही उसको इंजेक्शन लाने के लिए कोई अस्पताल दबाव डाल सकता है। अगर ऐसा किया तो यह पूरी तरह से गैर कानूनी है।
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