नई दिल्ली। एम्स की इमरजेंसी (AIIMS Emergency) में हर तीसरा मरीज कोरोना संक्रमित (every third patient corona infected) मिल रहा है। ऐसे में एम्स के डॉक्टरों के साथ-साथ अन्य विशेषज्ञों का दावा है कि दिल्ली की एक बड़ी आबादी ओमिक्रॉन से संक्रमित (Large population infected with Omicron) हो चुकी है।
एम्स की इमरजेंसी में इस समय लोग कई बीमारियों के इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में इन मरीजों की कोरोना जांच भी की जा रही है। जांच के दौरान हर तीन में से एक मरीज कोरोना संक्रमित मिल रहा है। एम्स के गेस्ट्रो एंटरोलॉजी विभाग के डॉक्टर अनन्य गुप्ता के मुताबिक, मौजूदा समय में नए संक्रमित मिलने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है। इससे पहले हर दूसरा मरीज कोरोना संक्रमित पाया जा रहा था। मौजूदा संक्रमण दर के साथ अभी इस तरह के हालात हैं, हालांकि आगे इन आंकड़ों में बदलाव भी हो सकता है, जिससे तीसरे के बदले चौथा मरीज संक्रमित हो सकता है।
ट्रॉमा सेंटर भरा, बर्न और प्लास्टिक विभाग में इंतजाम
इमरजेंसी में पहुंचने वाले मरीजों के लगातार संक्रमित पाए जाने और गंभीर मरीजों के बढ़ते आंकड़े के बीच एम्स का ट्रॉमा सेंटर पूरी तरह भर चुका है। यहां चार मंजिल पर आईसीयू की व्यवस्था है। प्रत्येक एक आईसीयू में 12 बिस्तर का इंतजाम है। ऐसे में 48 आईसीयू बेड पर मरीज भर्ती हैं, अन्य मंजिलों पर ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ मरीजों को रखा गया है। एम्स के डॉक्टर का कहना है कि ट्रॉमा सेंटर भरने के बाद अब बर्न एवं प्लास्टिक विभाग में कोरोना मरीजों को भर्ती करने का इंतजाम शुरू हो गया है।
अस्पताल पहुंचने पर हर मरीज का कोरोना टेस्ट
एम्स समेत विभिन्न अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों का कोरोना टेस्ट किया जाता है। इसमें कई मरीज ऐसे भी शामिल होते हैं, जो पहले से ही उपचाराधीन होते हैं या फिर जिनका अस्पताल में पहले से ही ऑपरेशन या सर्जरी होती है। ऐसे में इन मरीजों के पहुंचने पर भी सबसे पहले कोरोना की जांच की जाती है। विशेषज्ञों का दावा है कि दिल्ली की एक बड़ी आबादी कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन से संक्रमित हो चुकी है। यही वजह है कि संक्रमण दर अभी भी 10 फीसदी से नीचे नहीं आई है।
सिर दर्द से लेकर नाक बहना प्रमुख लक्षण
ओमिक्रॉन से पीड़ित अधिकतर मरीजों में नाक बहने, सिर दर्द, जोड़ों का दर्द, गंभीर मायलगिया व पीठ दर्द के सबसे आम लक्षण मिल रहे हैं। वहीं, इसके विपरीत बुखार डेल्टा वायरस संक्रमण का सबसे आम और महत्वपूर्ण लक्षण था। डेल्टा प्रकार के साथ जोड़ों का दर्द और मायालगिया कम आम था। अध्ययन से यह भी पता चला है कि 70 फीसदी वायरल कण गले में दोहराते हैं और बहुत कम वायरल कण फेफड़ों तक पहुंच रहे हैं।
24 और 25 को काली पट्टी बांधकर काम करेंगी नर्स
दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में कार्यरत नर्स 24 और 25 जनवरी को काली पट्टी बांधकर विरोध जता काम करेंगी। नर्सों का यह विरोध कोरोना काल में सेवा के दौरान जान गंवाने वाली आठ नर्सों के परिजनों को मुआवजा राशि न मिलने के लिए है। दिल्ली नर्स फेडरेशन के मुताबिक, दिल्ली सरकार द्वारा पूर्ण रूप से कोरोना के लिए समर्पित अस्पतालों में आठ नर्सों की सेवा के दौरान मौत हो गई थी। सरकार ने नर्सों के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा राशि देने की घोषणा की थी लेकिन, अभी तक नर्सों के परिजनों को यह राशि नहीं मिली है। ऐसे में फेडरेशन के तले सभी नर्स काली पट्टी बांध अपना विरोध जताएंगी।
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