नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट(delhi high court) ने मंगलवार को 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों(Riots in North East Delhi) के दौरान एक पुलिस कर्मी पर बंदूक (Riots in North East Delhi)तानने के आरोपी शाहरुख पठान (accused shahrukh pathan)को जमानत देने से इनकार कर दिया। यह मामला जाफराबाद इलाके में हुई हिंसा से जुड़ा है। इसमें दंगा और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। हाईकोर्ट इसके पहले जनवरी 2022 में भी शाहरुख पठान की जमानत याचिका खारिज कर चुका है।
जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने निचली अदालत के 14 दिसंबर के उस आदेश को चुनौती देने वाली शाहरुख पठान की जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसे जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
पठान के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल पर दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल पर कथित तौर पर पिस्तौल तानने और गोली चलाने के आरोप में हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया था, जिसमें अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है, जबकि वह चार साल से अधिक समय हिरासत में बिता चुका है।
निचली अदालत के समक्ष यह तर्क दिया गया कि लगभग 90 गवाहों से पूछताछ की जानी बाकी है और पठान को ‘अनंत काल’ तक जेल में नहीं रखा जा सकता है। बता दें कि, शाहरुख पठान को 3 मार्च 2020 को उत्तर प्रदेश के शामली जिले से गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह दिल्ली की जेल में बंद है।
आठ दिन के लिए शादाब जेल से बाहर आएगा
कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में आरोपी शादाब अहमद को आठ दिन की अंतरिम जमानत दी है। शादाब पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा चलाया जा रहा है। अहमद ने छोटी बहन की शादी के लिए जमानत मांगी थी।
ताहिर ने यूएपीए के आरोपों का विरोध किया
कड़कड़डूमा कोर्ट में 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित साजिश मामले में आरोपी पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन ने यूएपीए के आरोपों का विरोध किया। एएसजे समीर बाजपेयी की अदालत ने मामले को 23 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया है। गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी 2020 को हिंसक झड़पें हुई थीं, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई और 700 से अधिक घायल हो गए थे।
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