नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने एक अक्टूबर से 28 फरवरी, 2023 तक दिल्ली (Delhi) में डीजल वाहनों (diesel vehicles ) के प्रवेश को प्रतिबंधित (ban the entry ) करने के केजरीवाल सरकार (Kejriwal government) के फैसले की कड़ी निंदा की है।
कारोबारी संगठन ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि दिल्ली सरकार का यह निर्णय दिल्ली के कारोबार को ऐसे समय में चौपट कर देगा, जब दिल्ली में यह पांच महीना त्योहारी और शादी का सीजन होने से व्यापार के लिए बहुत अच्छा होता है। ऐसे में दिल्ली सरकार के इस तुगलकी फरमान का दिल्ली के व्यापारी कड़ा विरोध करेंगे।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल तथा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि दिल्ली सरकार के इस फैसले से इन पांच महीनों में दिल्ली का व्यापार पूरी तरह चौपट हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा करना सही मायने में जरूरी है। लेकिन, इसके साथ यह भी देखा जाना चाहिए की सरकार के किसी भी निर्णय से किसी भी व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। इस मसले पर भविष्य की रणनीति तय करने के लिए कैट ने अगले हफ्ते दिल्ली के प्रमुख व्यापारिक संगठनों की एक बैठक 29 जून को बुलाई है।
खंडेलवाल ने कहा कि चूंकि यह ट्रांसपोर्ट व्यापार को भी बुरी तरह प्रभावित करेगा, इसलिए कैट इस संबंध में ट्रांसपोर्ट संगठनों से चर्चा कर उनके साथ संयुक्त रूप से यह लड़ाई लड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से पांच महीने तक दिल्ली में कोई भी सामान नहीं आ पाएगा। क्योंकि, दिल्ली में सारा माल अन्य राज्यों से ट्रकों में आता है, जो डीजल से चलते हैं। इस लिहाज से सरकार का यह निर्णय बेमानी है और इसके परिणाम को सोचे समझे बिना लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली देश का सबसे बड़ा वितरण केंद्र है और दिल्ली सरकार का राजस्व काफी हद तक व्यापारिक गतिविधियों पर निर्भर है। अगर यह आदेश लागू होता है तो दिल्ली में दूसरे राज्यों से आने और दिल्ली से दूसरे राज्यों में जाने वाले माल की ढुलाई पर बड़ा बोझ भी पड़ेगा, यदि ऐसा होता है तो इस पर जीएसटी के तहत व्यापारियों को अनावश्यक कानून की पेचीदगियों का सामना करना पड़ेगा, जिससे दिल्ली में माल खरीदना महंगा हो जाएगा। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल महंगा होने की वजह से डीजल की कीमत पहले से ही ज्यादा है, जिससे सामान के दाम आसमान छू रहे हैं।
कारोबारी नेता ने कहा कि बेशक सरकार ने इस प्रतिबंध से आवश्यक वस्तुओं को छूट दी है। लेकिन, आवश्यक वस्तुएं दिल्ली के व्यापार का केवल 10 फीसदी है, जबकि बाकी 90 फीसदी सामान अन्य वस्तुओं का है। यह सामान दिल्ली में ट्रकों के जरिए अन्य राज्यों से आता है। क्या सरकार पांच महीनों के लिए ऐसे सभी कारोबार को बंद करना चाहती है? सबसे बड़ा सवाल यह है कि दिल्ली में माल कैसे आएगा और दिल्ली से माल अन्य राज्यों में जाएगा कैसे? दिल्ली के व्यापारी दिल्ली सरकार से इसका जवाब जरूर पूछेंगे। (एजेंसी, हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved