नई दिल्ली। दिल्ली (Delhi) को बारिश में डूबने से बचाने के लिए सिविक एजेसियां (Civic Agencies) हर कदम पर नाकाम दिखीं। अभी तक किसी तरह का इमरजेंसी रेसपॉन्स सिस्टम (emergency response system) तैयार नहीं हो सका है। नालों से गाद निकालने का काम भी अधूरा है। वहीं, बचाव के लिए बाढ़ नियंत्रण विभाग ने कोई आदेश जारी नहीं किया। इस बेपरवाही का नतीजा शुक्रवार की बारिश में दिल्लीवालों को झेलना पड़ा। यह तथ्य डूबने का बाद दफ्तर में मौजूदा स्थिति का आकलन करने के लिए बैठी सरकारों के सामने आया है।
एलजी ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए सभी अधिकारियों की छुट्टी रद्द कर दी है। वहीं, छुट्टी पर गए अधिकारी तत्काल प्रभाव से लौटने को कहा है। अगले दो माह तक किसी भी अधिकारी को कोई छुट्टी नहीं मिलेगी। वहीं दिल्ली सरकार ने इस पर आपातकालीन बैठक की। बैठक में मंत्री और अधिकारी शामिल हुए। इसके बाद दिल्ली जलभराव से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया। शिकायत के लिए 1800110093 नंबर पर कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा जलभराव की शिकायत के लिए 8130188222 नंबर पर व्हाट्सएप कर सकते हैं।
बैठक में कहा गया कि जल्द ही एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। सारे अधिकारी कंट्रोल रूम में मौजूद रहेंगे। हर विभाग में क्यूआरटी टीम बनाई जाएगी। ट्रैफिक पुलिस, विधायक-पार्षदों से पानी भरने वालों जगह की लिस्ट मांगी गई है। साथ ही पानी निकालने के लिए लगाए जाने वाले पंपिंग सेट की स्थिति भी बताने को कहा गया है। इससे पहले मूसलाधार बारिश में दिल्ली के डूबने के बाद आनन-फानन में उपराज्यपाल अपने दफ्तर में आपात बैठक की और बिगड़े हालात संभालने के लिए कार्ययोजना तैयार की। इस दौरान गाद निकालने व जल जमाव को रोकने में नाकामी पर अधिकारियों को फटकार लगाई। उपराज्यपाल ने आगे इस तरह की स्थिति पैदा न होने की अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है। सभी की छुट्टी रद्द करने के साथ दो माह तक कोई भी छुट्टी लेने की बंदिश भी लगा दी है।
एलजी ने आदेश दिया कि 24 घंटे काम करने वाला एक इमरजेंसी कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए। सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। लोगों की समस्या को दूर करने के लिए कंट्रोल रूम नंबर जारी किया जाएगा। पानी निकालने के लिए सभी पंपों का परीक्षण किया जाए। इन्हें जरूरत के आधार पर 24 घंटे सातों दिन इस्तेमाल करने के लिए फील्ड स्टाफ की तैनाती की जाएगी। जरूरत पड़ने पर मोबाइल पंपों का भी उपयोग होगा। निचले इलाकों, विशेष रूप से अनाधिकृत कॉलोनियों और जहां पर जलभराव सबसे अधिक होता है, अंडरपास और सुरंगों में तैनात किया जाना चाहिए। नालों के गाद को निकालने के शेष कार्य को एक सप्ताह में पूरा करने को कहा गया है। साथ ही नालियों के किनारे से मलबा हटाने, खुली नालियों साफ करने को कहा गया है।
बैठक में कहा गया कि ट्रैफिक पुलिस जल जमाव के मामले में नियमित रूप से ट्रैफिक एडवाइजरी जारी करेगी। साथ ही ऐसे जगहों के बारे में संबंधित विभाग, एजेंसियों और सेंट्रल कंट्रोल रूम को जानकारी देगी। हथनीकुंड बैराज से पानी के बहाव के आकलन और बारिश की जानकारी के लिए सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग नियमित रूप से हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में अपने समकक्षों के साथ संपर्क में रहेगा। दिल्ली में ज्यादा बारिश होने पर डिजास्टर रेसपॉन्स सेल को सक्रिय किया जाएगा। साथ ही जरूरत के आधार पर एनडीआरएफ की मदद ली जाएगी। करंट लगने की आशंका को खत्म करने के लिए बिजली विभाग काम करेगा। कहीं भी नंगे तार की समस्या को दूर करेगा। वहीं मौसम विभाग ने बताया 1936 के बाद पहली बार जून में 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। जारी आंकड़ों के मुताबिक 24 जून 1933 के दिन 139.7 एमएम, 24 जून 1936 को 235.5 एमएम, 24 जून 1981 को 191.6 एमएम और जून 2024 के दिन 228.1 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई।
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