नई दिल्ली (New Delhi) । दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच (Delhi Police Crime Branch) ने सेक्सटॉर्शन गैंग (sextortion gang) का भंडाफोड़ करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार (accused arrested) किया है. ये सभी आरोपी मेवात और भरतपुर के रहने वाले हैं. आरोपियों ने व्यापारी से करीब 6 लाख रुपए ब्लैकमेलिंग से वसूले थे. ये गैंग पिछले 6 महीने में 4 करोड़ रुपए वसूल चुके है. पुलिस ने गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद गुजरात के अहमदाबाद में हुई 2 करोड़ 70 लाख की वसूली के केस का भी खुलासा कर दिया है.
क्राइम ब्रांच ने जिन पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है उनके नाम खुर्शीद, रमन, मुरारी, कालूराम और विक्रम जाटव हैं. एक प्रतिष्ठित व्यवसायी सुशील गौतम की शिकायत साइबर सेल, क्राइम ब्रांच ने शिकायत दर्ज की थी. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि उन्हें ‘Whatsapp’ पर एक लड़की से एक वीडियो कॉल मिला था, जिसने अपने कपड़े उतार दिए और शिकायतकर्ता को अपने कपड़े उतारने के लिए कहा था.
स्पेशल सीपी क्राइम रवींद्र सिंह यादव ने बताया कि इसके बाद शिकायतकर्ता को एक शख्स का फोन आया जिसने खुद को क्राइम ब्रांच दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर विक्रम राठौर के रूप में पेश किया और सोशल मीडिया पर शिकायतकर्ता के अश्लील वीडियो को ब्लॉक करने के बहाने पैसे वसूल लिए. बाद में आरोपियों ने व्यापारी को बताया गया कि जिस लड़की ने फोन किया था, उसने राजस्थान में आत्महत्या कर ली है. लिहाजा मामला गंभीर है अब आपके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा.
व्यापारी बेहद डर गया और इस तरह आरोपियों ने पीड़ित से करीब पांच लाख 80 हजार रुपए वसूल लिए. लगातार ब्लैकमेल किए जाने के बाद व्यापारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी.
क्राइम ब्रांच की टीम ने जांच के दौरान 50 से अधिक मोबाइल फोन नंबरों और 10 से अधिक बैंक खातों की जानकारी हासिल की. पुलिस ने 50 से अधिक एटीएम के सीसीटीवी फुटेज की जानकारी हासिल की. जांच में पता चला कि आरोपी गिरोह मेवात और भरतपुर से गैंग चला रहे हैं. पुलिस टीम ने मेवात में मुखबिरों का जाल फैलाया और 10 दिनों तक टीम लगातार डेरा डाले रही.
स्पेशल सीपी क्राइम रवींद्र सिंह यादव ने कहा, “टीम ने मेवात और भरतपुर में छापेमारी की, जिसके दौरान ग्रामीणों ने विरोध किया और इसके बावजूद टीम ने 5 आरोपियों को सफलतापूर्वक पकड़ लिया है. गैंग का सरगना आरोपी रमन गांव चंदूपुरा, पोस्ट-पथराली, तहसील- पहाड़ी भरतपुर का निवासी है. उसने 8वीं कक्षा तक ही पढ़ाई की थी. वह मुख्य साजिशकर्ता है.
अन्य आरोपी खुर्शीद और मुरारी अलग-अलग एटीएम से पैसे निकालते थे और अपना कमीशन रखकर आरोपी रमन को पैसे सप्लाई करते थे. रमन एक आदतन साइबर अपराधी है जो पहले भी इसी तरह के अपराध में शामिल रहा है. उसने उगाही के पैसे से एक स्विफ्ट कार, प्लॉट और कृषि भूमि खरीदी है. आरोपियों के पास से एक लाख रुपए, एक स्विफ्ट कार और 8 एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं.
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