नई दिल्ली । लाल किले पर हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान मनिंदरजीत सिंह और खेम प्रीत सिंह के रूप में हुई है। मनिंदरजीत सिंह पंजाब के गुरदासपुर का रहने वाला है जबकि खेम प्रीत सिंह दिल्ली के स्वरूप नगर का रहने वाला है। इनकी गिरफ्तारी के साथ अब तक कुल 14 आरोपी लाल किला हिंसा के मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बुधवार को जानकारी दी कि लाल किला हिंसा मामले में शामिल आरोपियों की तलाश के लिए उनकी टीम लगातार दबिश दे रही थी। हाल ही में मिली एक गुप्त सूचना पर एसीपी राजेश कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर पंकज अरोड़ा की टीम ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान मनिंदरजीत सिंह और खेमप्रीत सिंह के रूप में हुई है। मनिंदरजीत सिंह के पिता नीदरलैंड निवासी हैं जिसके चलते उसे वहां की नागरिकता मिली हुई है। वह यूके में रहता है। दिल्ली पुलिस को सूचना मिली थी कि वह आईजीआई एयरपोर्ट से बाहर भागने की फिराक में है। गिरफ्तारी के डर से उसने अपने फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे और वह भागने की कोशिश कर रहा था। उसके खिलाफ दिल्ली पुलिस की तरफ से पहले ही लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था। वह पहले भी दो आपराधिक वारदातों में शामिल रहा है।
वीडियो में दिखा था मनिंदरजीत सिंह
पुलिस के अनुसार लाल किला हिंसा की वीडियो में मनिंदरजीत सिंह भाला के साथ साफ दिख रहा है। टेक्निकल जांच से पता चला है कि वह सिंघु बॉर्डर से बुराड़ी, मजनू का टीला होते हुए लाल किले पहुंचा था। यह भी पता चला है कि वह सिंघु बॉर्डर पर अलग-अलग तारीख में गया है। भारत से बाहर भागने के लिए उसने जरमंजीत सिंह नाम से अपने फर्जी दस्तावेज तैयार किये थे। वह दिल्ली से पहले नेपाल और फिर वहां से यूके भागने की फिराक में था। वह गुरदासपुर में हुए एक दंगे के मामले में शामिल रहा है। इसके अलावा दिल्ली एयरपोर्ट पर भी उसके खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज है। वह 2020 में भारत आया था और लॉक डाउन के चलते वापस नहीं लौट सका। पुलिस ने अदालत से उसे चार दिन की रिमांड पर लिया है।
खेमप्रीत सिंह ने किया पुलिसकर्मियों पर हमला
दूसरा आरोपी खेमप्रीत सिंह पुलिसकर्मियों पर हमला करने में शामिल रहा है। घटना के समय में फंसे से पुलिसकर्मियों पर वार कर रहा था। वीडियो से इसकी पुष्टि हुई है। पुलिस से बचने के लिए वह ख्याला में छिपा हुआ था। उसे आज कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा।
लुधियाना से खरीदे गए थे धार्मिक झंडे
गणतंत्र दिवस पर लालकिले पर लगाने के लिए धार्मिक झंडे लुधियाना से खरीदे गए थे। लुधियाना से भारी संख्या में धार्मिक झंडे खरीदकर दिल्ली लाए गए थे। 26 जनवरी से पहले ही इन्हें लाकर नई दिल्ली में एक जगह पर रखा गया था। यह बात दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की जांच में सामने आई है। अधिकारियों का कहना है कि लाल किला हिंसा में गिरफ्तार आरोपियों में कुछ खालिस्तान समर्थक या फिर ग्राउंड लेवल वर्कर हैं। यही बात दिल्ली पुलिस की जांच में पता चली थी।
विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध शाखा) प्रवीर रंजन ने बताया कि साजिश के तहत लालकिले पर झंडा लगाने वाला ग्रुप ही इन्हें पंजाब के लुधियाना से भारी संख्या में खरीदकर लाया था। झंडे तैयार करने के लिए काफी पहले ऑर्डर दे दिया गया था। दिल्ली पुलिस की एक टीम ने लुधियाना जाकर दुकानदार से पूछताछ व जांच की है।
लालकिला हिंसा में गिरफ्तार इकबाल सिंह ज्यादातर शीशगंज गुरुद्वारे में रुका था। वह 25 फरवरी के अलावा 22 व 23 फरवरी को भी शीशगंज गुरुद्वारे में गया था। उसने धार्मिक पोस्टर भी पंजाब में छपवाए थे। इन पोस्टरों पर धार्मिक नेताओं के फोटो व स्लोगन लिखे हुए थे। ये पोस्टर उसने सिंघु बॉर्डर पर लगाए थे।
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