नई दिल्ली। एक व्यक्ति ने मंगलवार को आरोप लगाया कि दिल्ली (Delhi) के एक निजी अस्पताल (Private hospital) ने प्रसव के बाद उसके नवजात जुड़वा शिशुओं (Newborn twin babies) को छुट्टी देने से इनकार (Refusal to grant leave) कर दिया। बच्चों को छुट्टी देने के बदले अस्पताल ज्यादा पैसे मांग रहा था।
नवजात बच्चों के पिता पंकज मिश्रा ने कहा कि जब यह मुद्दा मीडिया में सामने आया और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने इसे उठाया तो अस्पताल ने समझौता कर लिया और बिना कोई अतिरिक्त भुगतान लिए दोनों शिशुओं को छुट्टी दे दी।
इससे पहले संजय सिंह ने मंगलवार को आरोप लगाया कि दिल्ली का एक निजी अस्पताल अपने यहां जन्मे जुड़वा बच्चों को उनके माता-पिता को नहीं सौंप रहा है और इसके लिए अधिक पैसे मांग रहा है। सिंह ने बताया कि इस मामले में दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।
आप नेता द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर साझा की गई शिकायत के अनुसार, 20 जुलाई को मां को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद से दोनों बच्चे (एक लड़का और एक लड़की) लगभग 50 दिन से अस्पताल में थे। बच्चों के पिता द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत को साझा करते हुए आप नेता संजय सिंह ने कहा कि अस्पताल अधिक पैसे की मांग कर रहा था तथा उसने बच्चों को बंधक बनाकर रखा था।
सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अपोलो क्रेडल मोती नगर ने गार्ड की नौकरी करने वाले पंकज मिश्रा के दो नवजात बच्चों को बंधक बना रखा है। मां बाप के बिना बच्चे अस्पताल में हैं। अस्पताल 5.81 लाख रुपये जमा करने के बाद 14 लाख रुपये और मांग रहा है। यह गैरकानूनी और अमानवीय है। दिल्ली पुलिस से शिकायत की जा चुकी है दिल्ली पुलिस उनके बच्चों को अस्पताल से छुड़ाए।’’ बच्चों के पिता पंकज मिश्रा ने आरोप लगाया कि अस्पताल ने शुरू में पूरी प्रक्रिया के लिए कम खर्च बताया था, लेकिन प्रसव के बाद अतिरिक्त भुगतान की मांग करने लगा।
वहीं, अपोलो क्रेडल ने एक बयान में कहा कि जब 31 अगस्त को बच्चों को अस्पताल से छुट्टी मिलनी थी, तो माता-पिता ने सहयोग करने से इनकार कर दिया और गलत व्यवहार किया। स्थिति को हल करने के हमारे निरंतर प्रयासों के बावजूद माता-पिता ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। अस्पताल ने कहा कि माता-पिता को स्पष्ट रूप से बताया गया था कि उनके बच्चों को 31 अगस्त को छुट्टी दी जाएगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved