नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले निर्वाचन आयोग के दफ्तर के बाहर टीएमसी नेताओं का प्रदर्शन जारी है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग के प्रमुखों को बदलने की मांग को लेकर सोमवार को दिल्ली में निर्वाचन आयोग कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया. हालांकि, कुछ देर बाद पुलिस ने उन्हें रिहा कर दिया, मगर टीएमसी नेता थाने से बाहर जाने को राजी नहीं हुए. मंगलवार को भी टीएमसी का प्रतिनिधिमंडल थाने में ही डटा है.
टीएमसी नेता फिलहाल, मंदिर मार्ग थाना के अंदर डटे हैं. दिल्ली पुलिस के एसीपी रैंक के अधिकारी टीएमसी नेताओं को उस जगह से हटने के लिए बोल रहे हैं लेकिन टीएमसी नेता अभी हटे नहीं हैं. इससे पहले सोमवार को हिरासत में लिए जाने के कुछ घंटे बाद पार्टी नेताओं ने कहा था कि वे मंदिर मार्ग थाने में अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे. उधर, कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने दिल्ली पुलिस द्वारा पार्टी के नेताओं को हिरासत में लिए जाने के संबंध में शिकायत दर्ज कराने के लिए शाम में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस से मुलाकात की.
टीएमसी सूत्रों के अनुसार, अभिषेक बनर्जी की अगुवाई में 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल रात करीब नौ बजे राज्यपाल के आवास पर गया. अभिषेक बनर्जी ने कहा कि यह ‘लोकतंत्र की हत्या’ है. उन्होंने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की. इस बीच, दिल्ली पुलिस ने सोमवार को कहा था कि तृणमूल कांग्रेस नेताओं को रिहा कर दिया गया है. हालांकि, तृणमूल नेताओं ने कहा कि वे रातभर थाने में ही रहेंगे और अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे. तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओब्रायन, नदीमुल हक, डोला सेना, साकेत गोखले और सागरिका घोष, विधायक विवेक गुप्ता, पूर्व सांसद अर्पिता घोष, शांतनु सेन तथा अबीर रंजन बिश्वासन एवं पार्टी की छात्र शाखा की पश्चिम बंगाल इकाई के उपाध्यक्ष सुदीप राहा शाम करीब चार बजे निर्वाचन आयोग के दफ्तर गए थे.
टीएमसी के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए निर्वाचन आयोग की पूर्ण पीठ से मिलने के बाद शाम करीब पांच बजे 24 घंटे के लिए धरने पर बैठने की घोषणा की थी. आयोग से मुलाकात करने वाले नेताओं में शामिल राज्यसभा सदस्य सागरिका घोष ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से लोकसभा चुनाव में समान अवसर सुनिश्चित करने और विपक्षी दलों एवं इनके नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के ‘‘दुरुपयोग’’ को रोकने का आग्रह किया.
तृणमूल कांग्रेस आरोप लगा रही है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार के इशारे पर विपक्षी दलों को निशाना बना रही हैं. धरने के दौरान घोष ने कहा, ‘हमने निर्वाचन आयोग से चुनावी शुचिता बनाए रखने के लिए संसदीय लोकतंत्र के नाम पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया. ईडी, सीबीआई, एनआईए, आयकर विभाग को विपक्ष के खिलाफ कार्रवाई करने से रोका जाए.’
धरना दे रहे टीएमसी नेताओं ने अपने हाथों में तख्तियां थामी हुई थीं, जिन पर लिखा था, ‘‘एनआईए के महानिदेशक, ईडी और सीबीआई के निदेशकों को तुरंत बदला जाए. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सभी टीएमसी नेताओं को रिहा कर दिया गया है. हालांकि, ओब्रायन ने मंदिर मार्ग थाने के गेट के पीछे से संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारा 24 घंटे का धरना थाने के अंदर या बाहर जारी रहेगा। हम इसे जारी रखेंगे. इस बीच, निर्वाचन आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि आयोग को तृणमूल कांग्रेस के धरने पर कुछ नहीं कहना है.
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