नई दिल्ली (New Delhi)। पुलिस हेडक्वार्टर (police headquarters) से चितरंजन पार्क (Chittaranjan Park) तक का करीब 23 किमी लंबा रास्ता (23 km long route) सुरक्षा के लिहाज से अति संवेदनशील (super sensitive) है। इसलिए भी, यह रास्ता वोट क्लब और गृहमंत्री के आवास (Home Minister’s residence) के नजदीक से होकर गुजरता है, जहां एक हफ्ते बाद गणतंत्र दिवस (Republic day) की परेड होनी है और इस दौरान अंदेशा आतंकी हमले का भी है। बावजूद इसके पूरे रास्ते भर में एक भी पुलिस पिकेट नहीं दिखी। वहीं, इस बीच सिर्फ दो पीसीआर तैनात थीं। पहली एम्स और दूसरी हौजखास में।
हैरानी की बात यह कि सुरक्षा इंतजाम उस दौर में नजरअंदाज किए जा रहे हैं, जब 20 दिन पहले बाहरी दिल्ली में अंजलि को 13 किमी घसीटकर हत्या कर देने और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के साथ बुधवार देर रात छेड़छाड़ का मामला सुर्खियों में है। हालांकि, वीआईपी व पॉश इलाके से गुजरने वाले इस कारीडोर पर अंधेरा अमूमन नहीं दिखा।
अशोक रोड स्थित पुलिस मुख्यालय पर गुरुवार रात करीब 10:00 बजे सुरक्षा में अमूमन तैनात रहने वाली पीसीआर नहीं दिखी। इसके बाद रफी मार्ग पर कोई सुरक्षा नहीं थी। रेल भवन गोलचक्कर पर दो ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात दिखाई दिए। ये पुलिसकर्मी आपस में बात कर रहे थे। खास बात ये है कि रेल भवन की तरफ संसद मार्ग की सुरक्षा में न तो पिकेट थी और न ही कोई पीसीआर तैनात दिखाई दी।
सुनहेरी मस्जिद तुगलक रोड, अरविंदो मार्ग पर भी बिल्कुल सुरक्षा नहीं थी। इसके बाद एम्स, वहां से कोटला मुबारकपुर व फिर यू टर्न लेकर एम्स और अरविंदो मार्ग-हौजखास का जायजा लिया गया। इन मार्गों पर पुलिस पिकेट तो कहीं दिखाई नहीं दी। एम्स के गेट नंबर-दो के सामने पीसीआर वैन तैनात थी। इसके बाद हौजखास में इंडियन ऑयल की इमारत के पास पीसीआर तैनात थी। इस पीसीआर में तैनात दो पुलिसकर्मी बाहर बात करते हुए दिखाई दिए।
इसके बाद अरविंदो मार्ग से बाहरी रिंग रोड होते हुए ग्रेटर कैलाश-दो से लेकर चितरंजन पार्क तक एक भी पुलिस पिकेट नहीं दिखाई दी। इन मार्ग पर तो पीसीआर वैन थी और न ही पुलिसकर्मी दिखाई दिए।
कॉल सेंटर में काम करने वाली युवती अरविंदो मार्ग से लेफ्ट टर्न लेकर हौजखास पुलिसकर्मी की तरफ रात 10:30 बजे जाती हुई दिखाई दी। यहां पर अंधेरा हल्का भी था। युवती ने अपना फोटो नहीं लेने दिया। युवती ने बताया कि उसे पता है कि स्वाति मालीवाल के साथ क्या हुआ है। युवती का कहना था कि उसे डर तो लग रहा है पर उसे कहीं जाना है। युवती का कहना था कि अगर पुलिसकर्मी तैनात होते तो उसे कुछ हिम्मत मिलती।
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