इंदौर। इंदौर से दुबई के बीच 1 सितंबर से प्रस्तावित फ्लाइट के रास्ते में दुबई सरकार द्वारा यात्रियों के लिए जरूरी की गई जांच सबसे बड़ा रोड़ा बनी हुई है। इस जांच के लिए इंदौर सहित प्रदेश की किसी भी लैब के पास उपकरण नहीं है। इस जांच के लिए प्रयुक्त उपकरण पांच लाख का है और इंदौर में ऐसे 8 से 10 उपकरणों की जरूरत है। लैब इतना निवेश करने के लिए तैयार नहीं है। इसे देखते हुए दिल्ली-मुंबई एयरपोर्ट पर जांच करने वाली लैब्स से भी संपर्क करते हुए यहां जांच शुरू करने की मांग की जा रही है।
बिना तैयारी के घोषित की गई यह उड़ान अब एयर इंडिया, एयरपोर्ट प्रबंधन और कई नेताओं के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन चुकी है। इसे शुरू करने के लिए एयरलाइंस और एयरपोर्ट प्रबंधन हरसंभव कोशिश कर रहा है। दुबई सरकार द्वारा यात्रियों से जो एबॉट या एक्युला पद्धति से बनी नेगेटिव रैपिड पीसीआर रिपोर्ट रिपोर्ट मांगी गई है उसके उपकरण जुटाने के लिए प्रबंधन लैब्स से लगातार संपर्क कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि इस जांच के लिए इंदौर सहित देश की प्रमुख लैब्स को टेंडर भेजे गए हैं। इसमें दिल्ली-मुंबई एयरपोर्ट पर जांच कर रही लैब्स भी शामिल हैं, जो अभी वहां के एयरपोट्र्स पर जाने वाले यात्रियों की यह जांच कर रही है। ऐसी लैब वहां से कुछ उपकरण इंदौर लाकर काम शुरू कर सकती है।
यात्रियों पर पड़ेगा बोझ
यह जांच का शुल्क ढाई से तीन हजार रुपए तक आता है। मुंबई-दिल्ली में इसके लिए यात्रियों से साढ़े तीन से चार हजार रुपए तक लिए जा रहे हैं। कोई भी लैब अगर यहां यह सुविधा देती भी है तब भी इसका सीधा बोझ दुबई जाने वाले यात्रियों पर पड़ेगा।
शुरू नहीं की बुकिंग
यात्रियों के लिए जरूरी जांच की व्यवस्था स्पष्ट नहीं हो पाने के चलते एयर इंडिया ने अब तक इंदौर-दुबई के बीच इस उड़ान की बुकिंग शुरू नहीं की है। ऐसी स्थिति में यात्री और ट्रेवल एजेंट्स भी इस उड़ान को लेकर संशय में हैं।
आज स्पष्ट होगी स्थिति
हमने इंदौर सहित देश की सभी प्रमुख लैब को टेंडर भेजे हैं। आज शाम तक सभी लैब जवाब देंगी। इसके चलते आज शाम तक ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। हमें पूरी उम्मीद है कि सभी जरूरी जांच व्यवस्था एयरपोर्ट पर हो जाएगी और यह फ्लाइट 1 सितंबर से शुरू होगी।
– प्रबोध शर्मा, प्रभारी एयरपोर्ट डायरेक्टर
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