नई दिल्ली । कोरोना संक्रमण के आंकड़ों की बात की जाए तो राजधानी दिल्ली की स्थिति कोई ज्यादा अच्छी नहीं है। एक ओर जहां देश के मुकाबले दिल्ली में कोरोना से होने वाली मौत का प्रतिशत डेढ़ गुना ज्यादा है, वहीं प्रति मिलियन जनसंख्या पर संक्रमण की दर देश की दर से चार गुना से भी अधिक है।
रविवार (16 अगस्त) तक के आंकड़ों के अनुसार देश में जहां कोरोना से होने वाली मृत्युदर का प्रतिशत अब तक के निचले स्तर 1.9 प्रतिशत पर आ गया है, वहीं राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण से होने वाली मृत्यु का आंकड़ा 2.8 प्रतिशत हो गया है। देश में प्रति मिलियन जनसंख्या पर संक्रमण की दर 1963 है तो वहीं दिल्ली में यह 8000 से भी ऊपर है। जो देश की प्रति मिलियन संक्रमण दर से चार गुना से भी अधिक है। देश में कुल संक्रमितों की संख्या रविवार तक 26 लाख से ऊपर हो गयी थी और अब तक 50 हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके थे। संतोषजनक बात यह है कि अब तक 19 लाख से अधिक लोगों को इलाज के बाद छुट्टी मिल चुकी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में प्रति मिलियन संक्रमण दर सबसे कम है। वहीं दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या अब तक डेढ़ लाख से ऊपर हो चुकी है और यहां चार हज़ार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं यदि हम कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या की बात करें तो देश की रिकवरी रेट 72 प्रतिशत पर पहुंच गयी है। वही राजधानी दिल्ली का रिकवरी रेट 90 प्रतिशत पर है। दिल्ली में अब तक एक लाख 30 हज़ार से अधिक कोरोना संक्रमित ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में अभी भी 10 हज़ार से ऊपर कोरोना मरीज अस्पतालों और आइसोलेशन में हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक तीन करोड़ से अधिक नागरिकों के कोरोना टेस्ट हो चुके हैं। अकेले 16 अगस्त को ही सात लाख 30 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट हुए थे। देश में कोरोना टेस्टिंग लैब भी बढ़कर अब 1470 हो गयी है, जिसमें 969 सरकारी और 501 निजी लेब हैं। कोरोना महामारी की शुरुआत में देश में कोरोना टेस्ट लबों की संख्या केवल 70 थी।
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