नई दिल्ली । दिल्ली के उपराज्यपाल (Delhi Lt. Governor) विनय कुमार सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) ने केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) के 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद के (To Purchase 1000 Low Floor Buses) फैसले के खिलाफ (Against the Decision) सीबीआई जांच की सिफारिश की है (Recommends CBI Inquiry) । दिल्ली सरकार पर 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद में अनियमितता का आरोप लगा है।
दरअसल 2019 में दिल्ली सरकार ने 1000 बसों की खरीद के लिए एक टेंडर जारी किया था और 2020 में बसों के रखरखाव के लिए टेंडर जारी हुआ था। बसों की खरीद में जारी टेंडर में अनियमितता का आरोप लगा है। एलजी ने इस मामले पर चीफ सेक्रेटरी से रिपोर्ट मांगी थी और उसी के बाद मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की गई है।
सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद दिल्ली सरकार का भी बयान आ गया है। अरविन्द केजरीवाल सरकार ने अपने बयान में कहा, “टेंडर रद्द हो गए थे और बसें कभी खरीदी ही नहीं गई। एलजी पर खुद भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और ध्यान भटकाने के लिए वे इस तरह के जांच के आदेश दे रहे हैं।”
बता दें कि एलजी सचिवालय को जून 2022 में ही शिकायत मिली थी जिसमें दिल्ली परिवहन मंत्री को डीटीसी बोर्ड में चेयरमैन बनाए जाने पर भी नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। शिकायत में कहा गया था कि बसों की खरीद के लिए गलत काम को सुविधाजनक बनाने के लिए DIMTS की नियुक्ति की गई है। शिकायत में लो फ्लोर BS-IV और BS-VI बसों के लिए लगाई गई बोली में अनियमितता का आरोप लगाया गया था।
वहीं मार्च 2020 में लो फ्लोर BS-VI बसों की खरीद और वार्षिक रखरखाव के अनुबंध के लिए एक और बोली लगाई गई थी। सीबीआई इस मामले में पहले से ही प्रारंभिक जांच कर रही है। मुख्य सचिव की ओर से 19 अगस्त को एलजी को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंपी गई थी और उसके बाद इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर एलजी ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। एलजी ने सीबीआई द्वारा की जा रही जांच को वर्तमान शिकायत के साथ जोड़कर जांच करने की सिफारिश की है।
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