नई दिल्ली । उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गुरुवार को दिल्ली वासियों के लिए एक बड़ी गुड न्यूज दी। एलजी वीके सक्सेना ने ‘जहां झुग्गी, वहीं मकान’ योजना के तहत झुग्गी क्षेत्रों के पुनर्विकास पर मुहर लगाते हुए नीति में बदलाव को मंजूरी प्रदान की।
अधिकारियों ने बताया कि नीति में बदलाव से अब परियोजनाएं अधिक व्यवहार्य होंगी। इतना ही नहीं ज्यादा से ज्यादा लोग अब जहां झुग्गी वहीं मकान परियोजना में शामिल होंगे। इस तरह अधिक घर बनाए जा सकेंगे। गौर तलब है कि यह कदम दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उठाया गया है।
झुग्गीवासियों को सम्मानजनक आवास का अधिकार मिलेगा
इस योजना से शहर के झुग्गीवासियों को सम्मानजनक आवास का अधिकार प्रदान करने के अलावा, दिल्ली निवासियों के लिए किफायती आवास स्टॉक के साथ-साथ वाणिज्यिक स्थान भी बन सकेगा। संशोधनों के अनुसार 2000 वर्गमीटर और उससे अधिक आकार वाले भूखंडों पर इन-सीटू पुनर्वास परियोजनाओं में आवासीय और पारिश्रमिक दोनों घटकों के लिए 500 की बढ़ी हुई एफएआर की अनुमति दी गई है।
वाणिज्यिक प्लॉट क्षेत्र में डेवलपर्स द्वारा लाभ उठाने की अनुमति
यह वाणिज्यिक घटक के लिए 300 एफएआर से 500 एफएआर तक बढ़ाया जा सकेगा। जबकि पुनर्वास घटक के लिए एफएआर को 400 से 500 तक बढ़ाया गया है। नए संशोधनों के तहत कुल प्लाट क्षेत्र का कम से कम 40 फीसदी आवासीय उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाएगा, जबकि शेष क्षेत्र का उपयोग लाभकारी वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकेगा। इसके अलावा पुनर्वास घटक में किसी भी अप्रयुक्त एफएआर को भी लाभकारी/वाणिज्यिक प्लॉट क्षेत्र में डेवलपर्स द्वारा लाभ उठाने की अनुमति दी जाएगी।
इस निर्णय से झुग्गीवासियों के लिए अधिक संख्या में आवास इकाइयों के साथ-साथ अधिक व्यावसायिक स्थान उपलब्ध हो सकेगा। परियोजना डेवलपर्स के लिए वित्तीय रूप से व्यवहार्य हो जाएगी और इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि 100 प्रतिशत लाभार्थियों (झुग्गीवासियों) को यथास्थान आवास उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रस्ताव अब अंतिम अधिसूचना जारी के लिए मंत्रालय के पास जाएगा
पांच किमी तक फैले क्षेत्र में भूखंडों को एक साथ जोड़ने की अनुमति के संदर्भ में, डेवलपर केवल आधुनिक बहुमंजिला परिसरों में झुग्गीवासियों के पुनर्वास के लिए एक विशेष स्थल का पुनर्विकास करने में सक्षम होगा, जबकि अन्य स्थल का उपयोग डेवलपर द्वारा लाभकारी उपयोग के लिए विशेष रूप से आवासीय वाणिज्यिक परिसरों के विकास के लिए किया जा सकेगा। यह पहल अनौपचारिक जेजे क्लस्टर के पात्र निवासियों को आधुनिक आवास के साथ-साथ आवश्यक सार्वजनिक सुविधाएं प्रदान करेगी। स्वीकृत प्रस्ताव अब अंतिम अधिसूचना जारी करने के लिए आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार को भेजा जाएगा।
बोर्ड बैठक में लिए गए अन्य निर्णय
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