नई दिल्ली । दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Delhi LG Vinai Kumar Saxena) ने एक्टिविस्ट (Activist) शेहला राशिद शोरा (Shehla Rashid Shora) के खिलाफ (Against) मुकदमा चलाने (Prosecution) की मंजूरी दे दी (Approved) । दरअसल शेहला राशिद ने भारतीय सेना के बारे में दो आपत्तिजनक ट्वीट किए थे और उसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
शेहला राशिद पर आरोप है कि उनके ट्वीट का उद्देश्य कथित तौर पर ‘विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना’ था। वकील अलख आलोक श्रीवास्तव द्वारा 3 सितंबर 2019 को शिकायत दर्ज कराई गई थी। भारतीय दंड संहिता की धारा 153A के तहत दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने केस दर्ज किया था। राज निवास के सूत्रों ने कहा कि मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी गई है। इस आशय का प्रस्ताव दिल्ली पुलिस द्वारा पेश किया गया था और गृह विभाग ने इसका समर्थन किया था। विनय सक्सेना ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 196 के तहत जेएनयूएसयू के पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति प्रदान की है।
अपनी शिकायत में अलख श्रीवास्तव ने कहा, “18.08.2019 को कश्मीर निवासी शेहला राशिद ने भारतीय सेना के बारे में दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में “सशस्त्र बल रात में घरों में घुस रहे हैं, लड़कों को उठा रहे हैं, घरों में तोड़फोड़ कर रहे हैं। फर्श पर राशन, चावल के साथ तेल बिखरा है। वहीं दूसरे ट्वीट में कहा गया कि 18 अगस्त 2019 की रात 12 बजे शोपियां में 4 पुरुषों को आर्मी कैंप में बुलाया गया और ‘पूछताछ’ (यातना) की गई। उनके पास एक माइक रखा गया था ताकि पूरा इलाका उनकी चीखें सुन सके और आतंकित हो सके इससे पूरे इलाके में डर का माहौल बन गया।”
अलख श्रीवास्तव ने अपनी शिकायत के साथ सोशल मीडिया पर एक मीडिया आउटलेट के माध्यम से भारतीय सेना द्वारा खंडन भी प्रदान किया था। गृह विभाग ने इस मामले पर अपनी टिप्पणियों में कहा, “मामले की प्रकृति, स्थान जहां के बारे में ट्वीट किया गया है और सेना के खिलाफ झूठे आरोप लगाना इसे एक गंभीर मुद्दा बनाता है। आपराधिक कानून के तहत हर ट्वीट पर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। लेकिन इस मामले में इस तरह के ट्वीट पर शेहला राशिद के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है। आईपीसी की धारा 153ए के तहत मुकदमा चलाने का मामला बनता है। यह सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित है।”
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