नई दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने मंगलवार को कहा कि जैश साजिश मामले में (In Jaish Conspiracy Case) दोषी ठहराए गए (Convicted) इशफाक अहमद भट (Ishfaq Ahmed Bhat) की अपील पर (On Appeal) 24 मार्च को (On March 24) सुनवाई होगी (Will be Hear) । भट को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की पीठ के समक्ष भट के वकील ने अनुरोध किया कि संबंधित मामले के साथ अपील को फिर से अधिसूचित किया जाए।
इसे देखते हुए पीठ ने समान अपीलों के साथ मामले को 24 मार्च के लिए फिर से अधिसूचित किया। इसमें कहा गया है, इस मामले को हमारे समक्ष संबंधित अपीलों के साथ फिर से अधिसूचित किया जाए। 28 नवंबर, 2022 को, एक विशेष एनआईए अदालत ने भट और चार अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस साल जनवरी में पीठ ने चार दोषियों बिलाल अहमद मीर, मुजफ्फर अहमद भट, महराज-उद-दीन चोपन और सज्जाद अहमद खान द्वारा दायर अपील पर एनआईए को नोटिस जारी किया था।
यह मामला पाकिस्तान स्थित मौलाना मसूद अजहर के भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर जैसे जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) नेताओं द्वारा भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लोगों की भर्ती करने की आपराधिक साजिश से संबंधित है। बड़ी संख्या में पाकिस्तान-प्रशिक्षित आतंकवादी, जेईएम के हथियार और विस्फोटक प्रशिक्षकों ने विभिन्न राज्यों में स्थित अपने सहयोगियों की मदद से सीमा पार करने के बाद अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की थी।
सभी अभियुक्तों, विशेष रूप से बिलाल मीर और मुजफ्फर भट ने लक्ष्यों की टोह ली थी, ठिकाने की व्यवस्था की थी और भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान की थी। सज्जाद अहमद खान को महत्वपूर्ण लक्ष्यों की टोह लेने और राष्ट्रीय राजधानी में ठिकाने स्थापित करने के लिए दिल्ली भेजा गया था।
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