नई दिल्ली। सिली सोल्स कैफे एंड बार मामले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर कांग्रेस का हमला जारी है। बुधवार को पार्टी ने जीएसटी नंबर को लेकर एक बार फिर ईरानी पर सवाल उठाए हैं। साथ ही इस बार गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से भी बयान जारी करने की मांग की गई है। खास बात है कि इस मामले में उच्च न्यायालय भी कांग्रेस नेताओं को फटकार लगा चुका है।
कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं कि एटॉल फूड एंड बेवरेजेस को दिया गया GST नंबर विवादों में घिरे हुए बार जैसा ही है। कांग्रेस के प्रवक्ता गिरीश चूड़ांकर ने कहा, ‘इस बात में कोई शक नहीं है कि स्मृति ईरानी… और उनका परिवार सिली सोल्स कैफे और बार चलाता है… वह यहां कुछ नहीं छिपा सकती हैं, यह एक ओपन एंड शट केस है। उन्हें झूठ बोलने की आदत है।’
उन्होंने आरोप लगाए कि सिली सोल्स में वहीं एड्रेस दर्ज है, जो एटॉल फूड एंड बेवरेजेस का है, जिसका संचालन ईरानी के पति करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी को मिला GST नंबर भी सिली सोल्स से मिलता जुलता है।
चूड़ांकर ने ईरानी को आदतन झूठ बोलने वाला बताया है। उन्होंने इसके लिए भाजपा नेता की योग्यता से जुड़े मुद्दे का जिक्र किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि साल 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करते वक्त ईरानी ने जानकारी दी थी कि उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से 1994 में बी कॉम पार्ट 1 किया है। उन्होंने जानकारी दी कि 2004 में दिल्ली के चांदनी चौक में जमा किए गए हलफनामे में उन्होंने 1996 में डीयू स्कूल ऑफ करसपॉन्डेंस से बीए करने का दावा किया।
क्या था मामला
दरअसल, यह विवाद तब शुरू हुआ, जब पाया गया कि सिली सोल्स के मालिकों ने मरे हुए व्यक्ति के नाम पर रेस्त्रां में शराब का लाइसेंस रिन्यू करा लिया। इसके चलते कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। जब कांग्रेस नेताओं ने अवैध बार चलाने के आरोप लगाए, तो मामले में ईरानी और उनकी 18 वर्षीय बेटी जोइश का नाम भी सामने आया। हालांकि, केंद्रीय मंत्री ने इसे लेकर कोर्ट में मानहानि का मुकदमा भी दायर किया था।
दिल्ली हाईकोर्ट से लगी फटकार
सोमवार को ही दिल्ली हाईकोर्ट ने जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेत डीसूजा इस मामले में किए गए ट्वीट डिलीट करने के निर्देश दिए थे। साथ ही चेतावनी भी दी थी कि 24 घंटों में ट्वीट डिलीट नहीं करने ट्विटर उन्हें हटा देगा।
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