नई दिल्ली । दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने मंगलवार को आबकारी नीति मामले में (In case of Excise Policy) मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका (Manish Sisodia’s Bail Plea) खारिज कर दी (Rejected) । जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने 11 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस शर्मा ने कहा कि आरोप काफी गंभीर हैं कि साउथ ग्रुप के इशारे पर उन्हें अनुचित लाभ देने के इरादे से आबकारी नीति बनाई गई थी।
न्यायाधीश ने कहा, इस तरह का आचरण कदाचार की ओर इशारा करता है, जो वास्तव में एक लोक सेवक है और बहुत उच्च पद पर आसीन थे। जज ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए यह भी कहा कि सिसोदिया एक प्रभावशाली व्यक्ति होने के नाते गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। जस्टिस शर्मा ने कहा, आरोप बहुत गंभीर प्रकृति के हैं। आरोपी एक लोक सेवक थे.. हमने न तो आबकारी नीति की जांच की है और न ही सरकार की शक्ति की। हालांकि, एक शक्तिशाली व्यक्ति होने के नाते आवेदक के गवाहों को प्रभावित करने की संभावना है।
सिसोदिया ने विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के 31 मार्च को उन्हें जमानत देने से इनकार करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। राउज एवेन्यू कोर्ट के न्यायाधीश नागपाल ने प्रथम ²ष्टया माना था कि सिसोदिया ने कथित दिल्ली आबकारी नीति मामले से संबंधित आपराधिक साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सीबीआई ने पहले जमानत याचिका का विरोध किया था, यह तर्क देते हुए कि आप नेता सत्ता में हैं और उनका राजनीतिक रसूख है। सीबीआई ने सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था, बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें 9 मार्च को गिरफ्तार किया था।
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