नई दिल्ली (New Delhi) । दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) 19 अक्टूबर को अहम याचिका पर सुनवाई करेगा। इसमें केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी (Union Minister Smriti Irani) की डिग्रियों (degrees) पर सवाल उठाया गया है। याचिका दाखिल (petition filed) कर दावा किया गया है कि स्मृति ने 2004, 2011 और 2014 में चुनाव आयोग में अपनी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन के बारे में ‘झूठी और भ्रामक जानकारी’ दी। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने अभियोजन पक्ष को इस बाबत नोटिस जारी किया है। यह अर्जी अहमर खान नाम के शख्स ने दाखिल की है। इसमें निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई है। निचली अदालत ने उनकी शिकायत को खारिज कर दिया था। यही नहीं, कोर्ट ने इरानी को समन जारी करने से भी इन्कार किया था। हाईकोर्ट याचिका की मेनटेनिबिलिटी पर सुनवाई करेगा।
खान ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि केंद्रीय मंत्री ने चुनाव आयोग के समक्ष दायर तीन हलफनामों में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी दी। लोकसभा और राज्यसभा चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करते हुए उन्होंने ऐसा किया।
याचिका में दावा किया गया है कि साल 2004 में चांदनी चौक से लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए इरानी ने अपने हलफनामे में कहा था कि उन्होंने बीए की पढ़ाई पूरी की है। दिल्ली विश्वविद्यालय (स्कूल ऑफ करेस्पॉन्डेंस) से 1996 में उन्होंने स्नातक पूरा किया।
इसी याचिका में आगे कहा गया है कि हालांकि, गुजरात से राज्यसभा के लिए चुनाव लड़ते समय इरानी ने 2011 में एक और हलफनामा दायर किया था। इसमें उन्होंने बताया था कि उनकी उच्चतम शिक्षा बीकॉम पॉर्ट-1 है। यह स्थिति डीयू में 1994 तक के लिए बताई गई थी।
खान ने यह भी दावा किया कि केंद्रीय मंत्री ने 2014 में अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए एक और हलफनामा दायर किया था। इसमें इरानी ने कहा था कि उन्होंने 1994 में डीयू स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (करेस्पॉन्डेंस) से बीकॉम पार्ट-1 किया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved