नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान 1 अप्रैल से लेकर 31 जुलाई तक 13 हजार से ज्यादा मामलों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की है। हाईकोर्ट के मुताबिक उसने 28 सौ मुख्य मामलों और करीब 11 हजार मिसलेनियस याचिकाओं का निस्तारण किया। इस दौरान 196 जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई जिसमें 155 जनहित याचिकाओं का निपटारा किया गया।
हाईकोर्ट ने इन चार महीनों में विभिन्न प्रशासनिक और कोर्ट की फंक्शनिंग से जुड़े मामलों पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये करीब तीन सौ बैठकें की। इस दौरान हाईकोर्ट ने दो जजों के लिए दो वर्चुअल विदाई समारोह भी आयोजित किया। इन चार महीनों में हाईकोर्ट के जज जस्टिस आईएस मेहता रिटायर हुए वहीं जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल को राज्य उपभोक्ता फोरम का चेयरमैन नियुक्त होने की वजह से हाईकोर्ट से मुक्त किया गया।
दिल्ली की निचली अदालतों में 1 अप्रैल से लेकर 31 जुलाई के बीच 67 हजार मामलों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की गई। निचली अदालतों ने 3700 मामलों के फैसले सुनाए और 21 हजार से ज्यादा मिसलेनियस याचिकाओं का निपटाचार किया। इस दौरान दिल्ली जुडिशियल एकेडमी ने 30 ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए जबकि 40 स्पेशल ट्रेनिंग सत्र आयोजित किए गए जिसमें 760 न्यायिक अधिकारियों को ट्रेनिंग दी गई। हाईकोर्ट अब कोर्ट की खुली सुनवाई शुरु करने के लिए ग्रेडेड प्लान पर काम कर रहा है।
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