नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) को निर्देश दिया है कि वह अपने किसी स्टूडेंट को मार्कशीट लेने के लिए उपस्थित होने के लिए नहीं कहेगी। जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि छात्रों के लिए अपलोडेड मार्कशीट को डाउनलोड करना ही काफी होगा। सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि वह बीएससी (ऑनर्स) के फाईनल ईयर के छात्रों के रिजल्ट 20 अक्टूबर के बाद ही घोषित कर पाएगी।
कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया कि वो अंडरग्रेजुएट, आनर्स और प्रोग्राम कोर्सेस का रिजल्ट यूनिवर्सिटी अपने तय डेडलाइन के तीन दिनों के अंदर करे। दिल्ली यूनिवर्सिटी के हलफनामे में अधिकांश कोर्सेस का रिजल्ट घोषित करने की डेडलाइन 20 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच की है। हाईकोर्ट ने इन दिशा-निर्देशों के बाद याचिका का निस्तारण करते हुए कहा कि अब ओपन बुक एग्जामिनेशन से संबंधित मामले की मानिटरिंग करने की कोई जरुरत नहीं है।
याचिका दो लॉ स्टूडेंट प्रतीक शर्मा और दीक्षा सिंह ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि लोग डॉन के दौरान सभी स्कूल और कॉलेज ऑनलाइन क्लास करा रहे हैं लेकिन दिव्यांग जनों खासकर दृष्टिबाधितों को उसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन क्लासेज के लिए दिव्यांगों की जरूरतों का ध्यान नहीं दिया गया है। इससे उनका शिक्षण कार्य पूरे तरीके से प्रभावित हो गया है। याचिका में कहा गया था कि दिव्यांग छात्रों को क्लास से वंचित रखना शिक्षा के उनके अधिकार का उल्लंघन है।
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