नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने होटल और रेस्टोरेंट द्वारा लगाए जाने वाले सर्विस चार्ज पर लगी रोक पर केंद्र सरकार को झटका दिया है. दरअसल, सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी यानी सीसीपीए (CCPA) ने सर्विस चार्ज की वसूली पर रोक लगाई थी. अब सर्विस चार्ज पर अपने नवीनतम फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि सीसीपीए के गाइडलाइंस पर रोक जारी रहेगी और रेस्टोरेंट अगली सुनवाई तक सर्विस चार्ज लेने के लिए स्वतंत्र हैं.
हाईकोर्ट ने रेस्टोरेंट एसोसिएशन को सीसीपीए की उस याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए भी समय दिया, जिसमें सर्विस चार्ज को छोड़कर गाइडलाइंस पर रोक लगाने के पहले के आदेश को चुनौती दी गई थी. हालांकि, गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि रेस्टोरेंट अपने कर्मचारियों को भुगतान करने के लिए बाध्य हैं और ग्राहकों को इसके लिए उत्तरदायी नहीं बनाया जा सकता है.
बीते जुलाई में सीसीपीए ने होटल और रेस्टोरेंट को खाने के बिल में स्वत: लगने वाला सर्विस चार्ज जोड़ने से रोक दिया था. सीसीपीए के मुख्य आयुक्त ने गाइडलाइंस में स्पष्ट तौर पर कहा था कि कोई भी होटल या रेस्टोरेंट बिल में अपने-आप सर्विस चार्ज नहीं जोड़ेंगे. इसके साथ ही किसी अन्य नाम से भी सर्विस चार्ज नहीं वसूला जाएगा. गाइडलाइंस के मुताबिक, सर्विस चार्ज देना या ना देना ग्राहक पर निर्भर करेगा, रेस्टोरेंट इसके लिए किसी भी तरीके से ग्राहकों को बाध्य नहीं कर सकता है. रेस्टोरेंट और होटलों को ग्राहकों को स्पष्ट रूप से बताना होगा कि सर्विस चार्ज वैकल्पिक, स्वैच्छिक और ग्राहक के विवेक पर है. सीसीपीए के आदेश के मुताबिक, अगर कोई रेस्टोरेंट अपने बिल में सर्विस चार्ज लगाता है तो ग्राहक राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 1915 पर रेस्टोरेंट शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
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