नई दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने मंगलवार को टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा (TMC Leader Mahua Moitra) की याचिका पर (On the Petition) सुनवाई (Hearing) 4 जनवरी, 2024 के लिए (To 4 January 2024) स्थगित कर दी (Adjourned) । इसमें संपदा निदेशालय के उनके सरकारी आवास को रद्द करने और उन्हें 7 जनवरी 2024 तक खाली करने के निर्देश देने के आदेश को चुनौती दी गई है।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट में लंबित फैसले के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा: “मामला सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है, और यदि वह अंतरिम आवेदन स्वीकार करने और रोक लगाने का निर्णय लेता है, तो आगे इसका अनुशरण किया जाएगा।” उन्होंने स्पष्ट किया: “इसलिए, किसी भी स्थिति में, अदालत 2 जनवरी, 2024 को खुलेगी। मामला 3 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध है। हम 4 तारीख को सुनवाई करेंगे।” याचिका में 11 दिसंबर के आदेश को रद्द करने या वैकल्पिक रूप से 2024 के लोकसभा चुनाव परिणाम तक मोइत्रा को कब्जा बरकरार रखने की अनुमति देने की मांग की गई है।
कथित अनैतिक आचरण के लिए 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित मोइत्रा ने निष्कासन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में तर्क दिया गया है कि संपदा निदेशालय का आदेश समय से पहले है, क्योंकि उनके निष्कासन की वैधता सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। चूंकि मोइत्रा को संभावित निष्कासन का सामना करना पड़ रहा है, याचिका में 2024 के चुनावों के लिए लोकसभा उम्मीदवार के रूप में उनके कर्तव्य पर जोर दिया गया है।
आवास में अस्थिरता का दावा किया जाता है कि यह विशेष रूप से चुनावी मौसम के दौरान घटकों और साथी राजनेताओं के साथ जुड़ने में उनकी भूमिका में बाधा है। बिना किसी वैकल्पिक निवास के दिल्ली में अकेले रह रही मोइत्रा ने अदालत से आग्रह किया है कि उन्हें 2024 के आम चुनाव तक अपने वर्तमान घर में रहने की अनुमति दी जाए। उन्होंने इसके लिए किसी भी शुल्क का भुगतान करने का वादा किया।
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