नई दिल्ली । दिल्ली की सरकार (Delhi govt.) ने छठ पूजा (Chhath Puja) के मौके पर 10 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश (Public holiday) की घोषणा की (Declares) है।
दिल्ली सरकार के एक बयान में कहा गया है, “छठ पूजा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इसीलिए, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार ने छठ पूजा के कारण 10 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का निर्णय लिया है।”
पूर्वी यूपी और बिहार के पूर्वाचल के मतदाता, जो राजधानी शहर के कुल मतदाताओं का 36 प्रतिशत से अधिक है, किसी भी पार्टी का राजनीतिक भाग्य तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में से 20 में प्रमुख स्थिति में हैं और बाकी सभी सीटों पर उनकी अच्छी उपस्थिति है।
छठ पर राजनीति की शुरुआत 2010 में हुई थी, जब शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थीं और तब दिल्ली भाजपा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने छठ पर सार्वजनिक अवकाश की मांग उठाई थी।
पिछले हफ्ते दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने कहा था कि छठ पूजा समारोह यमुना के किनारे को छोड़कर राष्ट्रीय राजधानी में केवल निर्दिष्ट स्थलों पर ही अनुमति दी जाएगी, क्योंकि प्रार्थना प्रसाद के विसर्जन के बाद जल प्रदूषण होता है।इसके बाद भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने और राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले पूर्वाचली समुदाय के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया था।
आप विधायक संजीव झा ने भी उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर इस ‘गंभीर’ मुद्दे पर विमर्श के लिए मिलने का समय मांगा था।
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