नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण (Delhi Pollution) को कम करने के लिए केजरीवाल सरकार कई प्रयास कर रही है. सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान शुरू किया था, जिसे 15 दिनों के लिए और बढ़ा दिया है.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि अब तीन दिसंबर तक ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान चलेगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली एनसीआर के बढ़े हुए प्रदूषण को लेकर सरकार की तरफ से लगातार पहलकदमी की जा रही है. सीएम के आदेशानुसार कंस्ट्रक्शन वर्क पर बैन लगाया जा चुका है, स्कूल बंद किए हैं. दिल्ली के अंदर वर्क फ्रॉम होम यानी WFH लागू हो चुका है. कल हमने डीपीसीसी की टीम को निरीक्षण के लिए भेजा था. रिपोर्ट आई हैं सब जगह रोक लगा दी गई है.
गोपाल राय ने कहा कि आज दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर देखते हुए एयर क्वालिटी कमीशन को साझा मीटिंग का निर्देश दिया था. आज हरियाणा, पंजाब, दिल्ली की मीटिंग हुई है. हमने प्रस्ताव रखा है कि पूरे एनसीआर में वर्क फ्रॉम लागू किया जाए. वहीं कंस्ट्रक्शन वर्क बंद किया जाए. इंडस्ट्री को भी बंद रखा जाए.
कल दिन भर बहस होती रही कि दिल्ली के अंदर प्रदूषण में पराली का कितना हिस्सा है. कल जो केंद्र से हलफनामा दिया गया उसमें दो तथ्य थे. एक तथ्य 4 फीसदी कह रहा है. उसी हलफनामे में 40 फीसदी भी कहा जा रहा है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से निवेदन है कि सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करना ज़रूरी है कि कितना प्रदूषण पराली से है. सफर के मुताबिक 4 नवंबर से 14 तक फायर का डेटा आया है. इसका औसत 31 फीसदी है. केंद्र का ही ये डेटा है.
बता दें कि राजधानी दिल्ली की हवा का जहरीलापन कम नहीं हो रहा है. पिछले करीब एक पखवाड़े से दिल्ली की हवा खराब है, जिसका असर आज भी देखने को मिला. राजधानी के आधा दर्जन से ज्यादा इलाकों की हवा की गुणवत्ता यानी AQI अब भी 400 के ऊपर बनी हुई है. आनंद विहार, द्वारका, पटपड़गंज, वजीरपुर समेत कई इलाकों में आज सुबह 9 बजे AQI का स्तर 400 से अधिक रहा. वहीं चांदनी चौक, आईटीओ, लोधी रोड जैसे इलाकों में भी यह 300 से 400 के बीच में बना हुआ है. दिल्ली में प्रदूषण का सबसे अधिक असर बच्चों और बुजुर्गों पर देखने को मिल रहा है. दिल्ली की दमघोंटू हवा के कारण बच्चों में सांस फूलने की समस्या आ रही है.
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