नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली कोरोना का कहर झेल रही है और हालात इतने बेकाबू हो गए हैं कि यहां हर घंटे में पांच लोग कोविड-19 से अपनी जिंदगी की जंग हार रहे हैं। कल दिल्ली में कोरोना वायरस के कारण 121 लोगों की मौत हुई और इस आंकड़े के मुताबिक हर घंटे में पांच लोग काल के गाल में समा गए हैं। स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खासा चिंतित हैं और यहां मास्क न पहनने पर पिछले हफ्ते जुर्माना भी बढ़ाकर 2000 रुपये कर दिया है जो पहले 500 रुपये था।
बीते 24 घन्टे में 121 लोगों की मौत हुई है. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में लगातार चौथे दिन कोरोना से 100 से ज़्यादा मौत दर्ज की गई हैं। बीते 24 घन्टे में 121 लोगों की मौत हुई है और कोरोना से अब तक कुल मौत का आंकड़ा 8512 पर पहुंच गया है।
राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण इस कदर बेकाबू हो गया है कि लगातार चौथे दिन दिल्ली में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। दूसरे दिन भी 24 घंटे में 121 लोगों ने दम तोड़ा है। पिछले दस दिनों में एक हजार से ज्यादा लोगों ने राजधानी में जान गंवाई है और इस हिसाब से एक दिन में 100 मौत का औसत सामने आया है।
दिवाली के बाद से अब तक देश में संक्रमण से हुई लगभग हर पांचवीं मौत दिल्ली में हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने जो डेटा जारी किया है उसके अनुसार देश भर में 15 से 21 नवंबर के बीच यानी एक हफ्ते में कुल 3588 कोरोना संक्रमितों की जान गई जिसमें सबसे ज्यादा 751 मौत दिल्ली में हुई हैं।
20 नवंबर को दिल्ली में 118 लोगों ने कोरोना से दम तोड़ा था। 21 नवंबर को राजधानी में कोरोना से 111 लोगों की जान गई। 22 नवंबर को 121 लोगों की मौत हुई और 23 नवंबर के आंकड़े आए तो उसमें भी पता चला कि कोरोना ने 24 घंटे में 121 लोगों की जीवनलीला समाप्त कर दी है। दिल्ली में कोरोना से न सिर्फ मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है बल्कि जितने ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं उतने ज्यादा मरीज पता चल रहे हैं।
जितना ज्यादा टेस्ट-उतने ज्यादा मरीज
20 नवंबर को जिस दिन 62 हजार 425 टेस्ट हुए उस दिन चौबीस घंटे में 6608 नए कोरोना मरीज मिले। 21 नवंबर को 45 हजार 562 टेस्ट हुए और 5879 नए मरीज मिले। 22 नवंबर को 24 घंटे में 54 हजार 893 टेस्ट हुए तो 6746 नए केस मिले और 23 नवंबर को 24 घंटे में 37 हजार 307 टेस्ट हुए तो कोरोना के 8512 नए केस सामने आए।
नवंबर में कोरोना संक्रमण की दर 15 फीसदी पर जा पहुंची
दिल्ली में सबसे बड़ी चुनौती कोरोना की रफ्तार को काबू करने की है। नवंबर में कोरोना से संक्रमण की दर 15 फीसदी तक चली गई है, यानी नवंबर में जिन सौ लोगों के टेस्ट हुए उनमें से 15 लोग कोरोना संक्रमित मिले। दिल्ली में 7 नवम्बर को कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी था जो 8 नवम्बर को 15.26 फीसदी हो गया और 15 नवंबर को संक्रमण दर उछलकर सबसे ज़्यादा 15.33 तक चला गया। हालांकि अब संक्रमण दर में कुछ गिरावट देखने को मिल रही है। 17 नवम्बर को संक्रमण दर 13.04 रही और 22 नवंबर को 12.29 फीसदी।
भयावह हैं आंकड़े
ये आंकड़े इसलिए डरा रहे हैं क्योंकि जो दिल्ली जून-जुलाई में सबसे ज्यादा रिकवरी रेट का दावा कर रही थी वहां नवंबर में न सिर्फ कोरोना मरीजों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है बल्कि डेथ रेट भी बढ़कर डेढ़ फीसदी से ऊपर चला गया है। 18 नवंबर को दिल्ली में कोरोना से अब तक की सबसे ज़्यादा 131 मौतें रिपोर्ट की गईं। वहीं 22 नवंबर और 23 नवंबर, दोनों ही दिन 121 मौतें दर्ज की गईं जो कि अब तक दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। 1 नवंबर से 23 नवंबर के बीच 6 बार कोरोना से मौत का आंकड़ा 100 के पार हुआ है। नवंबर महीने में कोरोना से सबसे कम 42 मौत 2 नवंबर को रिपोर्ट की गईं।
क्या कहना है मेडिकल एक्सपर्ट्स का
मेडिकल एक्सपर्ट भी मान रहे हैं दिल्ली में कोरोना पर लगाम लगाने के लिए अगले दो हफ्ते बेहद अहम है– संकट के मौकों को भी आपदा में अवसर मानने वाले और प्रचार में जुटे रहने वाले राजनेताओं के लिए कोरोना के हालात संभालना सबसे बड़ी चुनौती है।
सुप्रीम कोर्ट भी हरकत में
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, केरल और हरियाणा सरकार को भी कोरोना के बिगड़ते हालात के लिए आड़े हाथों लिया है और 27 नवंबर तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। हालांकि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन इसके लिए वही पुराने और रटे-रटाए जवाब दे रहे हैं कि कोरोना से हो रही मौतों के लिए पराली भी जिम्मेदार है।
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