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दिल्ली चुनावः झुग्गीवालों का एकतरफा वोट जिस तरफ जाता है, वह सत्ता पर हो जाता है काबिज

January 10, 2025

नई दिल्ली। दिल्ली (Delhi) में झुग्गी-क्लस्टर (Slum-cluster) के दिन भले ही नहीं बदल रहे हैं, मगर राजनीतिक दलों (Political parties) के लिए सत्ता का रास्ता (Power way) इन्हीं झुग्गियों से होकर जाता है। झुग्गीवालों का एकतरफा वोट (One-sided vote) जिस तरफ जाता है, वही दल सत्ता में काबिज होता रहा है। दिल्ली में चुनाव हैं तो झुग्गियों में फिर से राजनीतिक दलों का जमावड़ा शुरू हो गया है।

आम आदमी पार्टी (आप), भाजपा और कांग्रेस अपने-अपने वादों, कार्यक्रमों, नुक्कड़ सभाओं के जरिये झुग्गियों के मतदाताओं को साधने में जुट गए हैं। आइये जानें कि राजनीतिक दल झुग्गियों में अपने चुनावी अभियान को कैसे आगे बढ़ा रहे हैं।


पदयात्रा और नुक्कड़ सभाओं में जुटी ‘आप’ : बीते विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को झुग्गीवालों के वोट एकतरफा मिलते रहे हैं, लेकिन हालात बदले तो आम आदमी पार्टी ने इन मतदाताओं को अपनी तरफ बनाए रखने के लिए उनके बीच बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। छोटे-छोटे समूहों में बैठकें करके उन्हें सरकार की योजनाओं के बारे में बताया जा रहा है। इसके अलावा नेताओं की नुक्कड़ सभाएं भी हो रही हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया खुद जंगपुरा की झुग्गियों में लोगों के बीच समय बिता रहे हैं। घोषित उम्मीदवार लगातार झुग्गियों में लोगों के बीच घर-घर जा रहे हैं।

रात्रि प्रवास के बाद झुग्गी प्रधानों से संवाद करेंगे अमित शाह : विधानसभा चुनाव जीतने के लिए झुग्गी-क्लस्टर में सबसे सक्रिय भाजपा नजर आ रही है। वह झुग्गी मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने के लिए बीते दो महीने से अभियान चला रही है। झुग्गियों में बड़े नेता रात्रि प्रवास कर रहे हैं। स्वास्थ्य जांच शिविर, रोजगार मेले जैसे आयोजन कराए जा रहे हैं। इसके अलावा झुग्गियों के युवा मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने की कवायद में चल रही है। अब चुनाव की घोषणा के बाद झुग्गियों में बैठकों के अलावा झुग्गीवासियों के साथ संवाद शुरू किया जाएगा। दिल्ली भाजपा के प्रदेश महामंत्री विष्णु मित्तल ने बताया कि 11 जनवरी से हम झुग्गीवासियों के साथ संवाद कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं।

झुग्गी-बस्तियों के सहारे खोया जनाधार वापस पाने में जुटी कांग्रेस
दिल्ली की झुग्गियां कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, मगर बीते 10 साल में कांग्रेस ने यहां से अपना जनाधार खो दिया है। इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस फिर झुग्गीवालों को वापस जोड़ने में जुटी है। पार्टी की ओर से झुग्गी बस्तियों में छोटी बैठकें आयोजित करके प्रचार किया जा रहा है। कांग्रेस संगठन के लोग झुग्गियों के प्रधानों के साथ अलग-अलग बैठकें भी कर रहे हैं। कांग्रेस इन बैठकों में वापस अपने जनाधार को वापस पाने के लिए 15 साल के कांग्रेस कार्यकाल में किए कामों का हवाला दे रही है, जिसमें झुग्गी क्लस्टरों के लिए अलग से मकान और आवास योजनाएं शामिल हैं। हालांकि, ‘आप’ के उदय के बाद से ही कांग्रेस का झुग्गी का जनाधार लगभग खिसक चुका है। उसी का नतीजा है कि 2020 के चुनाव में कांग्रेस का मत प्रतिशत पांच फीसदी से भी नीचे चला गया था। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दिल्ली न्याय यात्रा के दौरान यहां पर रहने वाले लोगों के दिल को छूने का भी प्रयास किया था।

दिल्ली में झुग्गियों के आंकड़ों पर एक नजर
– 16 लाख से अधिक आबादी झुग्गी क्लस्टरों में रहती है
– 675 झुग्गी क्लस्टर दिल्ली में मौजूद हैं
– 3,06,521 से अधिक झुग्गियां मौजूद हैं

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