नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा (Delhi Election) चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रोहिणी की रैली में आम आदमी पार्टी (AAP) पर भ्रष्टाचार से लेकर काम करने के तौर तरीके पर संगीन आरोप लगाए. पीएम के बयान पर सफाई देने के लिए केजरीवाल (Kejrival) ने मोर्चा संभाला और अपनी सरकार की पीठ थपथपाई और बीजेपी-केंद्र पर पलटवार किया. इस बीच रमेश बिधूड़ी (Ramesh Bidhuri)के बयानों की भी काफी चर्चा है, जिससे दिल्ली की सियासत गरमा गई है. रमेश बिधूड़ी रविवार को एक के बाद एक दो विवादास्पद बयान देकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के निशाने पर आ गए.
दिल्ली में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला दिलचस्प होने वाला है. केजरीवाल के सामने अपनी सरकार फिर से बनवाने की चुनौती है तो वहीं बीजेपी 1998 से सत्ता से दूर होने का मलाल खत्म करना चाहती है. इसी बीच दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की सरकार के बाद कांग्रेस भी सत्ता सुख अपने दम पर नहीं ले सकी. यानी कहीं सत्ता बचाने की चुनौती है तो कहीं सत्ता में आने की बेचैनी है. ऐसे में बयानबाजी का दौर जारी है. और इसी क्रम में बीजेपी के पूर्व सांसद और कालकाजी से उम्मीदवार बिधूड़ी ने पहले प्रियंका गांधी को लेकर विवादित बयान दिया. फिर उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी पर भी अपमानजनक टिप्पणी कर दी.
दरअसल, रमेश विधूड़ी अपने बयानों की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. चाहे संसद में पूर्व बसपा सांसद दानिश अली को अपमानजनक शब्द कहना हो या फिर अब कांग्रेस सांसद प्रियंका और सीएम आतिशी के खिलाफ विवादस्पद बयान.
प्रियंका गांधी पर दिया विवादित बयान
कालकाजी इलाके में बीजेपी के एक कार्यक्रम में दिए गए बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इसमें वह कहते नजर आ रहे हैं, “कालकाजी की सड़कों को प्रियंका गांधी के गालों जैसा बना देंगे”. वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी तक ने बीजेपी नेता की आलोचना की और इसे महिलाओं का अपमान बताया. इसके बाद बिधूड़ी बैकफुट पर आए और अपने बयान के लिए उन्होंने माफी मांगी.
सीएम आतिशी पर दिया ये बयान
बिधूड़ी के इस बयान पर सियासी घमासान थमा नहीं कि उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ भी अपमानजनक टिप्पणी कर दी. दरअसल, बीजेपी नेता ने रविवार को ही रोहिणी में आयोजित पार्टी की ‘परिवर्तन रैली’ को संबोधित करते हुए कहा, “दिल्ली की खड़ाऊं मुख्यमंत्री आतिशी ने तो अपना बाप ही बदल लिया. वह मार्लेना से सिंह हो गई. अरे ये मार्लेना, ये तो सिंह बन गई भइया. नाम बदल दिया. केजरीवाल ने बच्चों की कसम खाई थी भ्रष्टाचारी कांग्रेस के साथ नहीं जाऊंगा. मार्लेना ने नाम बदल दिया. पहले मार्लेना थी, अब सिंह बन गई. ये इनका चरित्र है.”
बिधूड़ी यहीं नहीं रुके, उन्होंने मंच से सीएम आतिशी के मां-बाप पर भी हमला बोला और दावा करते हुए कहा, “इन्हीं मार्लेना के पिता और मां ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की माफी के लिए मार्लेना की मां और पिता ने याचिका दी थी.”
दिल्ली की महिलाएं लेंगी बदला: केजरीवाल
इसको लेकर दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने निशाना साधा. उन्होंने इसे दिल्ली की महिलाओं का अपमान बताया और कहा कि जनता इसका बदला लेगी. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सीएम आतिशी के खिलाफ दिए बयान का वीडियो पोस्ट करते हुए केजरीवाल ने लिखा, “बीजेपी के नेताओं ने बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी। बीजेपी के नेता दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी जी को गंदी-गंदी गालियां दे रहे हैं। एक महिला मुख्यमंत्री का अपमान दिल्ली की जनता सहन नहीं करेगी। दिल्ली की सभी महिलाएँ इसका बदला लेंगी।”
BJP महिलाओं को कैसे सुरक्षित महसूस कराएगी: सीएम आतिशी
रमेश बिधूड़ी के बयान पर दिल्ली की सीएम आतिशी ने कहा कि बीजेपी एक महिला विरोधी पार्टी है, ये डरावना है कि दिल्ली में कानून और व्यवस्था की समस्या बीजेपी सरकार के अधीन है. अगर बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी ऐसी अभद्र टिप्पणी करते हैं, तो पार्टी महिलाओं को कैसे सुरक्षित महसूस कराएगी? केवल कालकाजी ही नहीं, मुझे यकीन है कि दिल्ली के सभी मतदाता रमेश बिधूड़ी द्वारा दिए गए बयान का मुंहतोड़ जवाब देंगे.
इससे पहले कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि बीजेपी महिला विरोधी पार्टी है, उनके पूर्व सांसद और अब कालकाजी सीट से उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी ने प्रियंका गांधी वाड्रा के बारे में जो कहा है, वह उनकी मानसिकता और बीजेपी के चरित्र को दर्शाता है.
बीजेपी के पूर्व सांसद और अब कालकाजी सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी ने कांग्रेस की सीनियर नेता और सांसद प्रियंका गांधी के खिलाफ एक विवादास्पद बयान दिया है. रमेश बिधूड़ी अपने लंबे राजनीतिक करियर में पहली बार कालकाजी से दांव आजमा रहे हैं, पहले भी वह कई बार विधानसभा जा चुके हैं, लेकिन पड़ोस की तुगलकाबाद सीट से. जहां के वह मूल निवासी भी हैं. इस बार नई पिच पर बैटिंग करने के लिए उतरे बिधूड़ी ने टिकट की घोषणा होने के अगले दिन ही प्रियंका गांधी से जुड़ा बयान दे दिया.
लालू यादव के बयान पर भी बात करे कांग्रेस: बिधूड़ी
रमेश बिधूड़ी ने पहले कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी पर विवादित बयान के लिए इंडिया टुडे से बातचीत में माफी मांगने से इनकार किया था. उन्होंने कहा था, “सबसे पहले कांग्रेस को हेमा मालिनी से माफी मांगनी चाहिए. हमने उनसे कई बार पूछा लेकिन उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया. क्या आप हेमा मालिनी और प्रियंका गांधी की तुलना कर सकते हैं?” मसलन, वह हेमा मालिनी पर लालू यादव के बयान के लिए कांग्रेस से माफी मांगने की अपील की थी. अपने पिछले विवादित बयान में उन्होंने लालू यादव के पिछले बयान का जिक्र भी किया था.
हालांकि, बाद में बिधूड़ी ने एक एक्स पोस्ट में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और पार्टी के अन्य नेता को टैग करके लिखा था, “किसी संदर्भ में मेरे द्वारा दिये गये बयान पर कुछ लोग गलत धारणा से राजनैतिक लाभ के लिए सोशल मीडिया पर बयान दे रहे हैं. मेरा आशय किसी को अपमानित करने का नहीं था. परंतु फिर भी अगर किसी भी व्यक्ति को दुख हुआ है तो मैं खेद प्रकट करता हूं.”
विवादास्पद बयान ‘स्लिप ऑफ टंग’ या सोची समझी रणनीति?
रमेश बिधूड़ी जानते हैं कि कालकाजी सीट बेशक मुश्किल हो, लेकिन उन्होंने इस सीट पर लड़ने के लिए खुद इच्छा जाहिर की थी. यहां से हारने की हालत में उनका राजनीतिक भविष्य चौपट हो सकता है, चुनाव जीतने की संभावना तभी बेहतर हो सकती है जब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में बीजेपी विरोधी वोटों का बंटवारा हो जाए. प्रियंका गांधी कांग्रेस की बड़ी नेता हैं और इसलिए बिधूड़ी का बयान एक सियासी दांव हो सकता है कि इस विवादास्पद बयान के बहाने न सिर्फ मीडिया कवरेज हासिल हो, बल्कि कांग्रेस के चुनाव प्रचार को भी मजबूती मिले. बिधूड़ी दो मजबूत महिला उम्मीदवारों के खिलाफ भी किस्मत आजमा रहे हैं, इसलिए हो सकता है कि महिला विरोधी बयान के बहाने वह महिला वोटों का भी बंटवारा करने की सोच रहे हों. साथ ही इस बयान पर विरोधी दल उनको जितना ज्यादा घेरेंगे, उतना ही वह कालकाजी में बतौर उम्मीदवार स्थापित हो पाएंगे.
क्या कांग्रेस को चुनावी नैरेटिव में लाना रणनीति?
दिल्ली के चुनाव इस बार कई मायनों में अहम हैं, जहां अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी दिल्ली में हैट्रिक बनाने की तैयारी कर रही है, वहीं भाजपा के सामने चुनौती है कि किस तरीके से केजरीवाल के विजय रथ को रोका जा सके. बीजेपी को मालूम है कि बिना कांग्रेस को सीन में लाए उसकी जीत मुश्किल होने वाली है, पिछले दो चुनावों में यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि जब-जब बीजेपी और आम आदमी पार्टी में सीधा मुकाबला हुआ है, तब-तब बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी है. हालांकि इस बार अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ 10 साल की एंटी-इनकंबेंसी भी है, इसलिए बीजेपी को लगता है कि यह सबसे बेहतर मौका है जब दिल्ली की सत्ता हासिल करने के लिए वह 1993 के बाद कोई चुनाव जीत पाए, इसलिए कांग्रेस को मुख्य मुकाबले में लाकर जीत हासिल करना बीजेपी का प्लान बी हो सकता है, ताकि वाटों का विभाजन हो और अगर ऐसा होता है तो इसका सीधा नुकसान आम आदमी पार्टी को होगा.
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