नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election)की तैयारियों को लेकर आम आदमी पार्टी(Aam Aadmi Party) फिलहाल सबसे आगे चल रही है। चुनाव(Election) से पहले सरकार विरोधी लहर(Anti-government wave) खत्म करने के लिए पार्टी ने अपनी प्रमुख घोषणाओं के साथ सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं। आप की नजर कम अंतर से हार-जीत वाली सीटों पर सबसे ज्यादा है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में पांच हजार के कम अंतर हार-जीत वाली 11 सीटों पर पार्टी की इस बार खास नजर है। यही वजह है टिकट बंटवारे को लेकर इन सीटों पर बड़े फेरबदल देखने को मिले हैं।
वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में कुल 11 सीटें ऐसी थी, जिनमें पार्टी पांच हजार के कम अंतर से चुनाव जीती या फिर हार गई, मगर वर्ष 2025 के चुनाव में इन सीटों पर फिर मजबूती के साथ जीत हासिल करने के लिए छह उम्मीदवारों के चेहरे ही बदल दिए। आम आदमी पार्टी इस चुनाव में रणनीति के तहत काम कर रही है।
फिर भरोसा जताया
आम आदमी पार्टी ने जीत वाली सीट पर बड़ी संख्या में टिकट काटे हैं, लेकिन बेहद कम अंतर से हारने वाले लोगों पर फिर भरोसा जताते हुए दोबारा मौका दिया है। इनमें विश्वास नगर सीट है, जहां से दीपक सिंगला 854 वोट से हारे थे। पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है। इसी तरह बदरपुर में राम सिंह नेताजी को दोबारा टिकट दिया है। आप के वरिष्ठ नेता का कहना है कि ये स्थानीय स्तर पर बहुत मजबूत हैं। पार्टी के सर्वे में बेहतर नतीजों के बाद ही इन्हें टिकट दिए गए हैं।
20 उम्मीदवार बदले
पार्टी इस बार चुनाव जीतने के लिए सभी कड़े फैसले ले रही है। लगातार सत्ता में रहने के बाद सरकार विरोधी लहर को खत्म करने के लिए आप ने मौजूदा 20 विधायकों को बदलकर नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा है। इसके साथ दो बड़े चेहरों मनीष सिसोदिया और राखी बिड़लान की सीट बदल दी है, जबकि यह दोनों ही लगातार अपनी परंपरागत सीट पर तीन बार से चुनाव जीत रहे थे। आप का कहना है कि यह सब कुछ रणनीति के तहत किया जा रहा है। इसका फायदा विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।
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