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    फर्जी डॉक्टर को राहत देने से दिल्ली कोर्ट का इनकार, लापरवाही के आरोप में रद्द किया था लाइसेंस

  • December 12, 2023

    नई दिल्‍ली (New Dehli)। फर्जी डॉक्टर (fake doctor)के रैकेट से जुड़े मामले में दिल्ली पुलिस(Delhi Police) ने बड़ा खुलासा (exposure)किया है। दिल्ली पुलिस(Delhi Police) ने अदालत में दाखिल रिपोर्ट (filed report)में कहा कि क्लीनिक के संचालक नीरज अग्रवाल के खिलाफ पहले से इसी प्रवृति के तीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। चार बार दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने इलाज में लापरवाही के आरोप में क्लीनिक का लाइसेंस रद्द किया था। इसके बावजूद क्लीनिक चल रहा था। साकेत स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अश्वनी पंवार की अदालत के समक्ष ग्रेटर कैलाश एक थाना पुलिस की तरफ से फर्जी डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन के मामले में जांच रिपोर्ट पेश की गई।


    दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया कि अग्रवाल मेडिकल सेंटर नाम से चल रहे इस क्लीनिक के खिलाफ दिल्ली मेडिकल कांउसिल को सात बार पहले भी शिकायतें मिल चुकी हैं। यह मेडिकल सेंटर कई वर्षों से चल रहा था। अब उनके लिए अगला बड़ा लक्ष्य यह पता लगाना है कि इन वर्षों में डॉक्टरी के पेशे से अलग आरोपियों ने कितने लोगों का ऑपरेशन किया। इन अप्रशिक्षित लोगों के हाथों कितनी जानें गई। नीरज अग्रवाल पेशे से डॉक्टर है, लेकिन साथ ही आदतन अपराधी है। वह इस कृत्य का मुख्य साजिशकर्ता है। यह रैकेट आर्थिक रुप से कमजोर और कम पढ़े-लिखे लोगों को अपना निशाना बनाता था।

    ऐसे आरोपी समाज के लिए खतरा अदालत

    अदालत ने पुलिस रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर नीरज अग्रवाल, डॉक्टर जसप्रीत समेत तीन लोगो को राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि समाज में डॉक्टरों को बहुत सम्मान दिया जाता है। अधिक लाभ कमाने के लिए बेईमानी आम नागरिक को हतोत्साहित कर सकती है। ऐसे आरोपी बड़े पैमाने पर समाज के लिए खतरा हैं। किसी के जीवन को खतरे में डालने वाले चिकित्सा पेशेवर के प्रति नरमी नहीं बरती जा सकती। अदालत ने डॉक्टर नीरज अग्रवाल, डॉक्टर जसप्रीत व पूजा अग्रवाल की जमानत याचिका खारिज कर दी।

    कहां से बनवाई डिग्री, इसका जवाब बाकी

    पुलिस के मुताबिक महेन्द्र दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में कार्यरत वरिष्ठ डॉक्टर के पास टैक्निशियन का काम करता था। वहां उसने डॉक्टर को सर्जरी करते हुए देखकर काम सीखा। इसके बाद उसने फर्जी एमबीबीएस की डिग्री तैयार करवाई और मेडिकल सेंटर में काम करने लगा। मेडिकल सेंटर प्रबंधन महेन्द्र को ऑन कॉल सर्जरी करने के लिए बुलाते थे। जब भी उसके पास कॉल जाती थी, वह सर्जरी करने के लिए आ जाता था। पुलिस अभी यह भी जांच कर रही है कि महेन्द्र ने फर्जी डिग्री कहां से बनवाई और यह कहां-कहां इस डिग्री की मदद से लोगों का इलाज कर रहा था।

    15 नवंबर को पकड़ा गया था रैकेट

    दक्षिणी दिल्ली के ग्रेटर कैलाश पार्ट-1 स्थित एक क्लीनिक में 15 नवंबर को फर्जी डिग्री के साथ एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया था। यह डॉक्टर मेडिकल सेंटर में वरिष्ठ सर्जन बनकर काम करता था और बड़ी संख्या में सर्जरी कर चुका था। ग्रेटर कैलाश थाना पुलिस को इसके खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थी। करीब एक सप्ताह पहले हुई एक मौत के बाद मेडिकल सेंटर में मरीज के परिजनों ने हंगामा किया था। इसके बाद पूरा मामला सामने आया। पुलिस ने मेडिकल सेंटर के संचालक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया था।

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