नई दिल्ली । मंत्री सत्येंद्र जैन (Minister Satyendar Jain) की जमानत पर (On Bail) दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट (Delhi’s Rouse Avenue Court) ने फैसला (Decision) फिर टाल दिया (Again Postponed) । कोर्ट (Court) अब बृहस्पतिवार को (On Thursday) दोपहर 2:00 बजे (2:00 pm) अपना फैसला सुनाएगी (Will Give its Verdict) । राउस एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विकास ढुल्ल ने बताया कि सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर फैसला तैयार हो चुका है, लेकिन अंकुश जैन और वैभव जैन की जमानत याचिका पर फैसला तैयार नहीं हुआ है। इसके बाद दोनों पक्षों की सहमति लेकर कोर्ट ने जमानत याचिका के फैसले को बृहस्पतिवार तक के लिए टाल दिया है।
पिछले 6 महीनों से लंबी बहस केस ट्रांसफर समेत कई कानूनी दुश्वारियों के बाद कोर्ट फैसला सुनाएगा। कोर्ट के फैसले के बाद यह तय होगा कि 6 महीने बाद सत्येंद्र जैन जेल से बाहर आ पाएंगे या नहीं. इससे पहले सत्येंद्र जैन की तरफ से पेश वकील एन हरिहरन ने ईडी द्वारा बनाए गए केस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा ईडी द्वारा बनाई गई कहानी उस फेयरी टेल जैसी है जिसमें एक गरीब व्यक्ति राजकुमारी से विवाह करना चाहता है तो उसकी मदद के लिए शहर के सभी लोग केवल एक ही लाइन दोहराते हैं कि उनके पास जो कुछ भी है वह सब उसी गरीब का है। इसी तरह ईडी की कहानी में भी किसी की भी रकम, किसी के भी शेयर सब सत्येंद्र जैन के बता दिए गए हैं।
वहीं अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल एस वी राजू ने ईडी का पक्ष रखते हूए कोर्ट से कहा था की 40-50 बार सत्येंद्र जैन ने हवाला ऑपरेटर को नगद मुहैया कराया है। पीएमएलए एक्ट की धारा 50 के तहत गलत जानकारी देना अपराध है। सत्येंद्र जैन लगातार गलत जानकारी दे रहे हैं। जो की आईपीसी 99 के तहत दंडनीय है. ऐसे में जैन को जमानत न दी जाए।
आपको बता दें राउस एवेन्यू कोर्ट स्थित विशेष न्यायाधीश विकास ढुल्ल सत्येंद्र जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं। इससे पहले बचाव पक्ष की तरफ से एन हरिहरन ने अपना पक्ष रखा और सत्येंद्र जैन को जमानत दिए जाने की मांग की है। इस मामले में वैभव जैन वह अंकुश जैन के वकील अपनी दलीलें पूरी कर चुके हैं।
बता दें इससे पहले जैन की जमानत याचिका की सुनवाई विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल कर रही थीं। इस दौरान ईडी ने कोर्ट बदलने की मांग को लेकर एक आवेदन जिला न्यायाधीश विनय कुमार के पास दाखिल किया। आवेदन पर विचार करते हुए जिला प्रधान न्यायाधीश ने जमानत याचिका की सुनवाई और फैसले पर रोक लगाते हुए कोर्ट स्थानांतरण की अनुमति दी थी। इसको लेकर जैन ने हाई कोर्ट में भी अपील की थी लेकिन हाईकोर्ट से अपील खारिज होने के बाद विशेष न्यायाधीश इसकी सुनवाई कर रहे हैं।
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