नई दिल्ली (New Delhi)। दो दिनों के हाई वोल्टेज ड्रामा (high voltage drama) के बाद बुधवार को दिल्ली विधान सभा (Delhi Legislative Assembly) में वित्त वर्ष 2023-24 का बजट (Budget for the financial year 2023-24) पेश होगा। केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है। लिहाजा दिल्ली सरकार बजट पेश करेगी। वित्त मंत्री कैलाश गहलोत (Finance Minister Kailash Gehlot) पहली बार सदन पटल पर बजट का प्रस्ताव रखेंगे।
केंद्र सरकार (Central government) की मंजूरी मिलने से पहले बजट की खींचतान पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ने प्रधानमंत्री को एक पत्र भी लिखा। इसमें उनकी अपील थी कि प्रधानमंत्री अपना काम करें और दिल्ली सरकार को दिल्ली का काम करने दें। कोई टिप्पणी नहीं, केंद्र सरकार ने सालों से चली आ रही परंपरा को पहली बार तोड़ा है। यह देश के संविधान पर हमला है।
दिल्ली विधान सभा में मंगलवार दोपहर बाद बोलते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री लड़ने के बजाय दिल्ली के लोगों का सहयोग करें। एक दिन के लिए दिल्ली का बजट रोककर किसी का कोई फायदा नहीं हुआ। केजरीवाल के मुताबिक, केंद्र सरकार ने 17 मार्च को मुख्य सचिव को ऑब्जर्वेशन भेजा। गृह मंत्रालय के आदेश पर मुख्य सचिव तीन दिन तक इसे लेकर बैठे रहे। 21 मार्च को दिल्ली का बजट पेश होना है और 20 मार्च को दोपहर दो बजे इसके बारे में बताया गया और वित्त मंत्री को शाम छह बजे फाइल भेजी गई। केंद्रीय गृह मंत्रालय के चार अवलोकन थे। हमने बजट में बिना फिगर बदले जवाब देकर हाथ जोड़ लिए और वो खुश हो गए कि केजरीवाल को झुका दिया। हम तो सदा झुके हैं।
एलजी के पास चुनी सरकार के बजट पर अवलोकन का अधिकार नहीं: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष कह रहा है कि एलजी ने बजट पर कुछ टिप्पणी की है। संविधान के अंदर एलजी को चुनी हुई सरकार के बजट के ऊपर कोई भी टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। एलजी मंत्री परिषद की सहायता और सलाह से बंधे हैं। सुप्रीम कोर्ट का 2018 का आदेश और संविधान का आर्टिकल 239एए4 साफ है कि दिल्ली के उपराज्यपाल मंत्री परिषद की सहायता और सलाह से बंधे हैं। हम लड़ना नहीं चाहते हैं। हम लड़ने नहीं, काम करने के लिए आए हैं।
केंद्र से पूछा दिल्ली के इन कामों को रोक कर प्रधानमंत्री को क्या मिला
मुख्यमंत्री ने पूछा कि आखिर दिल्ली सरकार की योजनाओं को रोककर प्रधानमंत्री को क्या मिला है। डोर-स्टेप-डिलीवरी राशन, योगा क्लासेज, टीचर्स की फिनलैंड ट्रेनिंग, मोहल्ला क्लीनिक की पेमेंट, फरिश्ते स्कीम, मेयर चुनाव और एक दिन के लिए बजट क्यों रोका गया। प्रधानमंत्री से अपील की कि वह अपना काम करें और दिल्ली को अपना काम करने दें। प्रधानमंत्री अगर दिल्ली जीतना चाहते हैं तो पहले उन्हें दिल्ली के लोगों का दिल जीतना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री की तकलीफ यह है कि दिल्ली में बार-बार आम आदमी पार्टी क्यों जीत रही है और भाजपा बार-बार क्यों हार रही है? दिल्ली को जीतने का मंत्र उन्हें बताता हूं कि वह दिल्ली का दिल जीते। प्रधानमंत्री से लड़ना नहीं, उनके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। अगर एक बड़ा भाई रोजाना आकर छोटे भाई को थप्पड़ मारेगा, उसे डांटेगा तो छोटा भाई भी बेचारा कब तक बर्दाश्त करेगा? इसलिए अगर आपको छोटे भाई का दिल जीतना है तो छोटे भाई को प्यार करो, उसके साथ चलो तभी छोटा भाई भी आपका साथ देगा।
मुख्य सचिव और वित्त सचिव के भूमिका की जांच करेगी विशेषाधिकार समिति
विधानसभा के सदन शुरू हुआ तो चर्चा शुरू हुई। इस दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने सदन के समक्ष एक संकल्प पत्र पेश किया। जिसमें दिल्ली के बजट में देरी को लेकर मुख्य सचिव और वित्त सचिव की जांच विशेषाधिकार समिति को भेजने की मांग की गई। इस संकल्प पत्र को सदन ने ध्वनि मत से पास कर दिया और जांच के लिए विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया।
संजीव झा ने संकल्प पत्र को सदन में पढ़कर सुनाया। जिसमें लिख गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधान सभा दिनांक 21 मार्च को दिल्ली में आयोजित अपनी बैठक में वार्षिक वित्तीय विवरण की प्रस्तुति एकमात्र एजेंडा बिंदु था। जो संकल्प करती है कि-इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य जन-समर्थक कार्यों के लिए बजटीय आवंटन को पटरी से उतारकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की निर्वाचित सरकार के कल्याणकारी एजेंडे को विफल करने की साजिश की गई है। दिल्ली और देश के प्रत्येक नागरिक का आह्वान करती है कि केंद्र सरकार के तहत सक्रिय जनविरोधी ताकतों की साजिश को समझे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved