नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party- BJP) की दिल्ली इकाई ने अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal government) पर आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal government) के पास तीन हजार से अधिक फाइल लंबित है. सरकार की आलोचना करते BJP ने आरोप लगाया कि उसे ‘शासन की कोई चिंता नहीं है’, क्योंकि महत्वपूर्ण कार्यों से संबंधित तीन हजार से अधिक फाइल विभिन्न मंत्रियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री के पास कई वर्षों से लंबित हैं. AAP ने आरोप को झूठा बताया है।
विभिन्न विभागों में लंबित पड़ी 3,060 फाइल: वीरेंद्र सचदेवा
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (Virendra Sachdeva) ने कहा, ‘केजरीवाल सरकार प्रशासन और शासन के लिए नहीं बल्कि प्रचार और भ्रष्टाचार के लिए है और यह बात इसके विभिन्न विभागों में लंबित पड़ी 3,060 फाइल से स्पष्ट है. इसके अलावा महत्वपूर्ण कार्यों से जुड़ी 420 फाइल ऐसी हैं जो मुख्यमंत्री के स्तर पर लंबित हैं।
कथित आधिकारिक दस्तावेज की कॉपी दिखाते हुए सचदेवा ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के स्तर पर लंबित फाइल ‘गरीब संजीवनी आयुष्मान योजना’, दिल्ली लोकायुक्त की शक्तियों को बढ़ाने, सात साल से लंबित दिल्ली जल नीति की फाइल, अनधिकृत कॉलोनियों के विकास और यमुना की सफाई के लिए एसटीपी के निर्माण से संबंधित हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘लंबित फाइल से पता चलता है कि इस सरकार को काम की चिंता कम, प्रचार-प्रसार और भ्रष्टाचार में ज्यादा रुचि है. फिर भी वे दिल्ली की सेवा करने का दावा करते हैं।
भाजपा ने निराधार झूठ का सहारा लिया है: रीना गुप्ता
AAP की दिल्ली इकाई की सचिव रीना गुप्ता ने एक बयान में पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा ने ‘निराधार झूठ का सहारा लिया है’ और उसकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाए गए दस्तावेज़ ‘दिखावा’ थे. उन्होंने आरोप लगाया, ‘भाजपा ने जो भी फर्जी दस्तावेज पेश किए हैं, वे उनके मनगढ़ंत झूठ हैं. बेशर्मी से भाजपा ने उन फाइलों को पेश करके दिल्लीवासियों को गुमराह करने की कोशिश की है, जिनमें काम पहले ही पूरा हो चुका है।
भाजपा की दिल्ली इकाई के सचिव हरीश खुराना ने आरोप लगाया कि AAP सरकार के साथ-साथ सत्तारूढ़ दल के नेता भी आरोप लगाते रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दिल्ली के उपराज्यपाल उन्हें काम नहीं करने दे रहे हैं. लेकिन वे कई वर्षों तक महत्वपूर्ण फाइल को दबाकर बैठे रहे. उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में खेल विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए भूमि अधिग्रहण से संबंधित फाइल फरवरी 2016 से लंबित पड़ी है।
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