नई दिल्ली: एम्स (Dilli AIIMS) में मरीजों और डॉक्टरों (patients and doctors) के लिए सुविधाएं बढ़ाने का काम निरंतर जारी है. इसी क्रम में अस्पताल प्रशासन (hospital administration) ने अस्पताल के आवासीय परिसरों (hospital residential complexes) के भीतर चौबीसों घंटे इलेक्ट्रिक स्टाफ कारों (electric staff cars) को चलाने का काम शुरू किया है. एम्स परिसर के आसपास मौजूद आयुर विज्ञान नगर, किदवई नगर, एशियाड विलेज और अंसारी नगर पश्चिम में रहने वाले स्टाफ के लिए यह सुविधा शुरू की गई है. यह इसलिए किया गया है क्योंकि इन क्षेत्रों में रहने वाली क्लीनिकल टीम के सदस्यों को मरीजों के देखने के लिए एम्स पहुंचने के लिए बसों या दूसरे यातायात के साधनों का इंतजार करना पड़ता था, जिसमें काफी समय लगता था.इस समस्या के समाधान के लिए एम्स ने इलेक्ट्रिक स्टाफ कारें शुरू की हैं.
इससे अब इमरजेंसी की स्थिति में अस्पताल का क्लीनिकल स्टाफ अस्पताल में पहुंचने के लिए किसी पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर निर्भर नहीं रहेगा. एम्स की इलेक्ट्रिक स्टाफ कार उनके घर के पिक करेगी और समय पर अस्पताल में पहुंचा देगी. इससे जरूरत मंद मरीज को भी समय पर ट्रीटमेंट मिल सकेगा. अस्पताल प्रशासन के मुताबिक,ये कारें अब आयुर विज्ञान नगर, किदवई नगर, एशियाड विलेज और अंसारी नगर पश्चिम आवासीय परिसरों में 24×7 आधार पर उपलब्ध होंगी.
इन परिवहन सेवाओं तक स्टाफ आसानी से पहुंच सके इसके लिए ड्राइवरों को एक मोबाइल नंबर प्रदान किया जाएगा. यह मोबाइल नंबर मुख्य परिसर के बाहर आधिकारिक एम्स आवास में रहने वाले सभी स्टाफ कर्मचारियों के दिया जाएगा. इलेक्ट्रिक से जिस भी स्टाफ को एम्स आना होगा वह इस नंबर पर कॉल करके डॉक्टर से संपर्क कर सकेगा.
एम्स की ओर से जारी बयान के मुताबिक, लेक्ट्रिक स्टाफ कार सेवा की शुरुआत का मकसद यह है कि मरीजों तक अस्पताल का स्टाफ समय तक पहुंच सके. पब्लिक ट्रांसपोर्ट समय पर न मिलने से जो परेशानी आ रही थी वह अब नहीं होगी. अस्पताल प्रशासन ने कुछ महीने पहले मरीजों के लिए भी निशुल्क परिवहन सेवा शुरू की थी. इसके तहत एम्स परिसर से एम्स झज्जर के लिए परिवहन सेवा चलाई गई थी. इसके तहत एम्स दिल्ली से कैंसर के मरीज निशुल्क झज्जर परिसर इलाज के लिए जा सकते हैं.
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