नई दिल्ली । दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) सर्वर हैकिंग मामले (Server Hacking Case) में बड़ा खुलासा हुआ है. इस मामले के तार दूसरे देश से जुड़े हुए नजर आ रहे हैं. माना जा रहा है कि इसकी साजिश चीन (China) से हुई है. दिल्ली पुलिस ने फिलहाल इन्फेक्टेड सर्वर को सेंट्रल फॉरेंसिक लैब (Central Forensic Lab) भेजा हुआ है. जल्द ही इसकी रिपोर्ट आ सकती है. रिपोर्ट आने के बाद हैकिंग के सोर्स का पर्दाफाश होगा.
बता दें कि दिल्ली एम्स के अलग-अलग कुछ सर्वर हैक किए गए थे, जिनमें से कुछ को रिकवर कर लिया गया है. दिल्ली पुलिस आधिकारिक तौर पर अभी इस मामले में कोई खुलासा नहीं कर रही है. सूत्रों से खबर है हांगकांग (Hong Kong) के जरिये साजिश हो सकती है.
‘हैकिंग के पीछे हो सकती है बड़ी साजिश’
वहीं, सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि एम्स का सर्वर 8 दिन तक हैक रहना कोई मामूली घटना नहीं है. इस सर्वर हैकिंग के पीछे बड़ी साजिश होने की संभावना है. ऐसे मामलों को लेकर डिजिटल डाटा प्रोटेक्शन बिल लाया जाएगा. वहीं, एम्स (AIIMS) सर्वर हैकिंग को लेकर साइबर एक्सपर्ट शैलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि अस्पताल के सिस्टम में स्वास्थ्य से जुड़ी कई संवेदनशील जानकारियां होती हैं, जिसमें बाहरी देशों की नजर रहती है.
क्या है पूरा मामला
एम्स का सर्वर 23 नवंबर की सुबह 7 बजे डाउन हुआ था. 24 घंटे बाद भी सर्वर ठीक नहीं हो पाने के बाद एम्स के अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस को इस मामले की जानकारी दी थी. एम्स की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था. इस मामले को दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशन (IFSO) यूनिट को सौंप दिया गया था. इसके बाद कई दिनों तक मेडिकल संस्था का डिजिटल कामकाज काफी प्रभावित रहा.
नए सॉफ्टवेयर किए गए अपलोड
इसके बाद दिल्ली एम्स की मेडिकल सुविधाओं में लगे लगभग सभी 5,000 से ज्यादा कंप्यूटरों को फॉर्मेट कर नए सॉफ्टवेयर, एंटीवायरस और फायरवॉल को अपलोड किया गया. खबर है कि हैकर्स ने संस्थान से क्रिप्टो करेंसी में 200 करोड़ रुपये की मांग की थी. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस बात से इनकार किया था.
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