नई दिल्ली। दिल्ली (Delhi) में 2-3 महीने के भीतर होने जा रहे विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) से पहले गुरुवार को नगर निगम (Municipal council) के सदन में आम आदमी पार्टी (आप) (Aam Aadmi Party (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (Bharatiya Janata Party (BJP) के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला। मेयर चुनाव (Mayor election) के लेकर दोनों दलों में हुए टक्कर में ‘आप’ ने भले ही जीत हासिल कर ली, लेकिन पार्टी को एक बड़ा झटका भी लगा है। राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) समेत शीर्ष नेतृत्व के लिए यह टेंशन की बात है कि सबसे बड़े गढ़ में उनके 8 नेता ऐसे हैं जो टोपी तो ‘आम आदमी’ वाली पहनते हैं, पर वोट उन्होंने भगवा दल के पक्ष में किया। क्रॉस वोटिंग ने विधानसभा चुनाव से पहले ‘आप’ ने चिंता बढ़ा दी है।
मेयर चुनाव के लिए आदमी पार्टी के पास 143 वोट थे। जिनमें से 127 पार्षदों, 13 विधायक और 3 राज्यसभा सांसदों के वोट थे। राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल सदन में नहीं पहुंचीं। इसके अलावा कांग्रेस के दो पार्षद शगुफ्ता चौधरी और सबीला बेगम आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। जिसके कारण आम आदमी पार्टी को दो वोटों की बढ़त मिली। सबीला ने महापौर चुनाव के बीच में ही कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव को चिट्ठी लिखकर इस्तीफा सौंपा। भाजपा के पास कुल 122 वोट थे, लेकिन उन्हें आठ अतिरिक्त वोट मिले। इससे उनके वोट की संख्या 130 हो गई।
आखिर वे 8 कौन?
अब ऐसे में सवाल उठता है कि भाजपा को 8 वोट अधिक कहां से मिल गए? चूंकि कांग्रेस के पार्षदों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया तो साफ है कि आम आदमी पार्टी के 8 सदस्यों ने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट किया। अब इस बात से ‘आप’ की बेचैनी बढ़ना लाजिमी है। ऐसा इसलिए भी कि सीक्रेट बैलेट से वोटिंग की वजह से पार्टियां यह नहीं पता लगा सकती हैं कि किस उम्मीदवार ने किसके पक्ष में वोट किया। यहां दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं होता है। ऐसे में आम आदमी पार्टी को यह सवाल अधिक बेचैन करेगा कि आखिर ‘वे 8’ कौन हैं, जिन्होंने धोखा दिया है।
भाजपा बोली- केजरीवाल की हार
‘आप’ की क्रॉस वोटिंग पर भाजपा भी हमलावर हो गई है और इसे अरविंद केजरीवाल की हार बताया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, ‘महापौर चुनाव में आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने भाजपा के पक्ष में वोट दिया। यह अरविंद केजरीवाल की नैतिक हार है। उन्होंने आप के संयोजक पद पर रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है। चुनाव से पहले यह आप के लिए बड़ा झटका है।’
कांग्रेस पार्षदों ने किया वॉकआउट
कांग्रेस ने नहीं किया मतदान निगम सदन में कांग्रेस की नेता नाजिया दानिश ने चुनाव के दौरान कांग्रेस के अन्य छह पार्षदों के साथ आम आदमी पार्टी और भाजपा पर निशाना साधा। नाजिया ने आरोप लगाया कि दोनों दलों की रस्साकशी के कारण अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित महापौर पद का कार्यकाल कम हो गया। इस दौरान निगम के हालातों को लेकर व कामकाज को लेकर चिंता जताते हुए उन्होंने सदन में नारेबाजी की। इसके कुछ देर बाद कांग्रेस पार्षद सदन से चले गए।
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