नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने मंगलवार को उस वक्त 30 तिब्बतियों (30 Tibetans) को हिरासत में ले लिया, जब वे चीनी दूतावास (Chinese Embassy) के बाहर प्रदर्शन करने जा रहे थे। ये मानवाधिकारों के खिलाफ चीनी रवैये (Chinese attitude) को लेकर प्रोटेस्ट करने वाले थे। पुलिस सभी को चाणक्यपुरी पुलिस थाने ले गई जहां से कुछ देर बाद उनको रिहा कर दिया गया। वे चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के शासन की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर विरोध दर्ज कराने जा रहे थे। इस बीच सिंघू बॉर्ड (Singhu Board) पर दिल्ली पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है।
दिल्ली में जमावड़े पर रोक
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने एक दिन पहले सोमवार को कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए राष्ट्रीय राजधानी के मध्य और सीमावर्ती क्षेत्रों में 5 अक्टूबर तक विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी तरह के जमावड़े को रोकने के लिए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 163 (जो पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाती है) लगा दी है।
बॉर्डर पर चौकसी बढ़ी
दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर समेत अन्य सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी है। सीमाओं पर पुलिस ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोमवार को सोनम वांगचुक के कुछ समर्थक सोनीपत में उतर गए थे। उनके रेल या अन्य साधन से दिल्ली में आने की आशंका है।
हिरासत में सोनम वांगचुक
उल्लेखनीय है कि लद्दाख से चलकर दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पहुंचे सोनम वांगचुक को सोमवार रात साथियों के साथ पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। इस दौरान बवाना थाने के बाहर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहे। हिरासत में लिए जाने से नाराज सोनम वांगचुक मंगलवार को अनशन पर बैठ गए।
अलग-अलग थानों में रखे गए
सोनम वांगचुक सवा सौ साथियों के साथ सोमवार देर रात करीब 11 बजे सिंघु बॉर्डर पहुंचे थे। इस दौरान आउटर नॉर्थ जिला पुलिस ने उनके काफिले को रोक लिया और वापस जाने के लिए कहा। जब वे नहीं माने तो पुलिस ने सोनम वांगचुक और उनके साथियों को हिरासत में ले लिया। पुलिस सोनम और उनके 40 साथियों को बवाना थाने ले गई। इसके अलावा अन्य को अलग-अलग थानों में रखा गया।
समर्थन में विरोध-प्रदर्शन
सोनम वांगचुक और उनके सहयोगियों को हिरासत में लिए जाने के बाद राजधानी में छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन किया। ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी (बीएसएस) के दिल्ली चैप्टर ने दिल्ली विश्वविद्यालय के नजदीक विजय नगर में एक विरोध-प्रदर्शन किया। इसमें वांगचुक और उनकी टीम के साथ एकजुटता व्यक्त की गई। वांगचुक और उनके सहयोगी लद्दाख से दिल्ली तक पैदल मार्च कर रहे थे। इसमें लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग की जा रही है।
कांग्रेस और AAP ने खोला मोर्चा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि सोनम वांगचुक को दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस बल द्वारा हिरासत में लेना अलोकतांत्रिक है और यह सरकार की तानाशाही का प्रतीक है। वहीं सोनम वांगचुक को हिरासत में लेने पर AAP नेताओं ने केंद्र सरकार, उपराज्यपाल और पुलिस पर निशाना साधा। अरविंद केजरीवाल ने कड़ी आपत्ति जताई तो सीएम आतिशी ने इसे तानाशाही करार दिया।
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