इंदौर। कालिंदी गोल्ड, फिनिक्स और सैटेलाइट के पीडि़तों को न्याय दिलवाने के लिए हाईकोर्ट ने कुछ समय पहले कमेटी का गठन किया, जिसकी बागडोर सेवानिवृत्त जज को सौंपी गई। इस कमेटी में अभी तक अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर थे, जो पिछले दिनों आलीराजपुर कलेक्टर बनकर चले गए, उसके बाद किसी भी अधिकारी की कमेटी में नियुक्ति नहीं की गई, जिसके चलते रिटायर जर्ज को अकेले ही बीते कई दिनों से सुनवाई करना पड़ रही थी और उन्होंने फिर नाराजगी भी जाहिर की, तब ताबड़तोड़ दो दिन पहले नवागत संयुक्त कलेक्टर रोशन राय को इस कमेटी के लिए नियुक्त किया गया।
अभी हाईकोर्ट को 9 अगस्त को कमेटी अपनी स्टेटस रिपोर्ट सौंपेगी। भूमाफियाओं द्वारा लगातार कमेटी को भी चकमा देने के प्रयास किए जाते रहे हैं। पिछली सुनवाई में कमेटी में शामिल रिटायर जज ने पूर्व अपर कलेक्टर डॉ. बेडेकर की तारीफ भी की और कहा कि उनकी मौजूदगी के वक्त प्रशासकीय मदद तुरंत मिल जाती थी। सीमांकन, नपती से लेकर अन्य काम अब ठप पड़ गए हैं। कमेटी की नाराजगी के बाद कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने डॉ. बेडेकर की जगह संयुक्त कलेक्टर रोशन राय को जिम्मेदारी दी है। हालांकि पिछली मीटिंग में वे मौजूद नहीं थे। अब 9 अगस्त को कमेटी को अपनी स्टेटस रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपना है। चिराग शाह, चम्पू अजमेरा, हैप्पी धवन सहित अन्य की इन तीनों कॉलोनियों में पीडि़तों को भूखंड और ब्याज सहित राशि लौटाई जाना है। कुछ पीडि़तों का ही सेटलमेंट हो सका है और इस मामले में लड़ाई लड़ रहे अभिभाषक अमित सिकरवार का कहना है कि पिछले दिनों कुछ भूखंड भी पीडि़तों को मिले हैं और 12 प्रतिशत ब्याज के साथ राशि भी लौटाई गई है।
चम्पू की मौसी दे गई कमेटी को सबइंस्पेक्टर की डायरी
कमेटी के समक्ष जहां पीडि़तों ने अपनी रजिस्ट्रियों से लेकर जमा की गई राशि की रसीदें और डायरियां भी पेश की हैं। अभी पिछली मीटिंग में चम्पू की मौसी एक डायरी कमेटी को दे गई, जो कि विजय नगर थाने के सब इंस्पेक्टर की बताई जा रही है। अग्निबाण को उपलब्ध इस डायरी के पन्ने में कालिंदी और फिनिक्स में किए सौदे की जानकारी है और केशव कुशवाह का नाम सामने आया। हालांकि कमेटी ने इस डायरी को फिलहाल मान्य नहीं किया और अध्यक्ष रिटायर जज ने कहा कि जिनकी डायरी है, उन्हें खुद आवेदन करना पड़ेगा। पूर्व में भी इस तरह की रसीद और डायरियों के संबंध में कमेटी ने यही निर्णय लिया था कि किसी अन्य के द्वारा इस तरह के दस्तावेज पेश किए जाने पर कमेटी उस पर विचार नहीं करेगी।
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