नई दिल्ली । रक्षा निर्माण क्षेत्र को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के लिए बुधवार को केंद्र सरकार (central government) ने 2,500 आइटम का विदेशों से आयात (import from abroad) करने पर रोक (ban) लगा दी। रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने इसे तीसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची का नाम दिया है।
आज अधिसूचित की गई सूची में वह 2,500 आयातित आइटम शामिल किये गए हैं, जो पहले ही स्वदेशी हो चुके हैं। इसके अलावा और 351 आयातित आइटम हैं, जिन्हें अगले तीन वर्षों में स्वदेशी बनाया जाएगा। सरकार की यह पहल हर साल लगभग 3,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचाएगी।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक तीसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची में उल्लेख किये गए आइटम का विवरण सृजन पोर्टल (https:rijandefence.gov.in/DPSU Indigenization List.pdf) पर उपलब्ध है। सूची में दर्शाई गई समय-सीमा के बाद ही उन्हें भारतीय उद्योग से खरीदा जाएगा। ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के हिस्से के रूप में सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) ने हथियारों, प्लेटफार्मों, प्रणालियों, गोला-बारूद आदि की दो सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियां पहले ही अधिसूचित की हैं। स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए 101 चीजों की ‘पहली सकारात्मक स्वदेशीकरण’ सूची अगस्त, 2020 में और 108 आइटम की दूसरी सूची 31 मई, 2021 को अधिसूचित की गई थी। दूसरी सूची को दिसंबर 2025 तक उत्तरोत्तर लागू किए जाने की योजना है।
पहली और दूसरी सूची में शामिल किये गए 209 आइटम में जटिल प्रणालियां, सेंसर, सिम्युलेटर, हथियार और गोला-बारूद जैसे हेलीकॉप्टर, नेक्स्ट जेनरेशन कॉर्वेट, एयर बोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (एईडब्ल्यूएंडसी) सिस्टम, टैंक इंजन, पहाड़ों के लिए मीडियम पावर रडार, एमआरएसएएम हथियार प्रणालियां और भारतीय सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऐसी अनेक और चीजें हैं। दोनों सूचियों में न केवल स्थानीय रक्षा उद्योग की क्षमता को मान्यता दी गई है, बल्कि इससे प्रौद्योगिकी व विनिर्माण क्षमताओं में नए निवेश को आकर्षित करके घरेलू अनुसंधान और विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। आत्मनिर्भरता हासिल करने और रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के दोहरे उद्देश्य को पूरा करने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी के साथ स्वदेशीकरण को और अधिक बढ़ावा दिए जाने की योजना है।
तीसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची भारतीय उद्योग की भावी क्षमताओं का आकलन करने के लिए सरकारी और निजी विनिर्माण उद्योग परिसंघों के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार की गई है जो सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी। सूची में शामिल किये गए 2,500 आयातित आइटम पहले ही स्वदेशी हो चुके हैं। इसके अलावा और 351 आयातित आइटम को अगले तीन वर्षों में स्वदेशी बनाया जाएगा। सरकार की यह पहल हर साल लगभग 3,000 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा बचाएगी। सरकार का मानना है कि यह सूची ‘स्टार्ट-अप’ के साथ-साथ एमएसएमई के लिए भी एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करेगी, जिससे जबरदस्त स्वदेशी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। इस दिशा में रक्षा मंत्रालय, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और सर्विस हेड क्वार्टर (एसएचक्यू) उद्योग का हाथ थामने समेत सभी आवश्यक कदम उठाए जायेंगे।
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