बेंगलुरु । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की बेंगलुरु यूनिट में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) का उत्पादन करने के लिए नये प्लांट का उद्घाटन किया। भारतीय वायुसेना के लिए एचएएल से 83 एलसीए विमानों की डील एयरो इंडिया-2021 के दौरान ही पूरी होनी है। उन्होंने कहा कि कई देशों ने तेजस एम-1ए की खरीद में दिलचस्पी दिखाई है और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि बहुत जल्द भारत को विदेशों से तेजस एम-1ए खरीदने के ऑर्डर मिलेंगे। उन्होंने अगले 3-4 वर्षों के भीतर रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में 1.75 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल करने का विश्वास जताया।
रक्षा मंत्री राजनाथसिंह आज सुबह चार दिवसीय यात्रा पर बेंगलुरु पहुंचे। वह अपने बेंगलुरु प्रवास के दौरान कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे, जिसमें मेगा इंटरनेशनल इवेंट एयरो इंडिया-2021 शामिल है। वह बुधवार को एयरो इंडिया का उद्घाटन भी करेंगे। उन्होंने एलसीए) के उत्पादन की दूसरी लाइन का उद्घाटन करने के बाद कहा कि एचएएल की यह नवनिर्मित निर्माण इकाई (विनिर्माण इकाई) एचएएल, भारतीय वायु सेना और ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ ’की मजबूती में एक बड़ा कदम साबित होगी। कोविड के बावजूद एचएएल को लगभग 50 हजार करोड़ का ऑर्डर भारतीय सशस्त्र बलों की तरफ से मिला है। यह स्वदेशी रक्षा खरीद के इतिहास में सबसे बड़ा ऐतिहासिक सौदा है, जो भारतीय एयरो सेक्टर को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस खरीद से हमारी वायु सेना की क्षमताओं में भी अभूतपूर्व वृद्धि होगी। देश के एयरोनॉटिक्स के सेक्टर में एचएएल आजादी के पहले से ही अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। देश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में सार्वजनिक क्षेत्र की जिन कंपनियों का योगदान रहा है, उनमें एचएएल का नाम सबसे ऊपर है। कोविड के समय में भी एचएएल ने अपनी कार्यक्षमता पर कोई असर नहीं पड़ने दिया। तेजस का नया प्लांट देश के सामने न केवल स्वदेशीकरण बल्कि कोविड जैसी आपदा में भी अवसर का एक बड़ा उदाहरण प्रस्तुत करता है।
रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने भारतीय वायुसेना के लिए 83 स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान के एमके-1ए वर्जन की खरीद के लिए मार्च में मंजूरी दी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र की अगुवाई वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने 13 जनवरी को इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ 83 तेजस एमके-1ए के लिए 48 हजार करोड़ के सौदे को मंजूरी दे दी है। तेजस डील से करीब 500 भारतीय कंपनियों को फायदा होगा जो विमान के अलग-अलग पुर्जे देश में ही बनाएंगी। एलसीए के एमके-1 वर्जन के 40 विमानों को पहले ही वायुसेना में शामिल किये जाने की प्रारंभिक और अंतिम परिचालन मंजूरी मिल चुकी है, जिनका ऑर्डर पहले ही एचएएल को दिया जा चुका है। इनमें से 18 विमान मिल चुके हैं और वायुसेना की सेवा में हैं।
इन 40 विमानों में एलसीए एमके-1ए के मुकाबले 43 तरह के सुधार किये जाने हैं। इनमें हवा से हवा में ईंधन भरने, लंबी दूरी की बियांड विजुअल रेंज मिसाइल लगाने, उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के लिए दुश्मन के रडार और मिसाइलों को जाम करने के लिए सिस्टम लगाया जाना है। एयरो इंडिया में एचएएल से 83 एलसीए विमानों की डील पूरी होने के बाद वायुसेना के पास 123 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट हो जायेंगे।तेजस एमके-1ए वर्जन के 20 विमान प्रति वर्ष वायुसेना को मिलेंगे। तेजस एमके-1ए की आपूर्ति 2023 से शुरू होगी और 2027 तक पूरे 83 विमान वायुसेना को मिल जाएंगे।
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