नई दिल्ली। नई दिल्ली (New Delhi) में देश भर में कोविड-19 मामलों में (Covid-19 across the country) हाल ही में हुई बढ़ोतरी से निपटने के लिए रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों की तैयारियों (Defense Ministry and Armed Forces preparations) की समीक्षा के लिए एक वर्चुअल बैठक रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) के साथ की गई. बैठक में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को (Fight against Covid-19) तेज करने के लिए सैन्य बुनियादी ढांचे (Military infrastructure) का उपयोग कैसे किया जा सकता है, इस पर एक रोडमैप पर भी चर्चा की गई. रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बैठक में सभी हितधारकों के साथ एक विशेष बातचीत हुई है. बैठक में रक्षा मंत्रालय सचिव डॉ. अजय कुमार, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, थल सेनाध्यक्ष जनरल एम. एम. नरवणे, महानिदेशक सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) सर्ज वाइस एडमिरल रजत दत्ता, सचिव (रक्षा उत्पादन) राज कुमार, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग सचिव और अध्यक्ष रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन डॉ. जी. सतीश रेड्डी और अन्य वरिष्ठ नागरिक एवं सैन्य अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया.
रक्षा मंत्री को डीआरडीओ अध्यक्ष ने डीआरडीओ द्वारा विकसित की गई कोविड-19 सुविधाओं के बारे में सूचित करते हुए कहा कि नई दिल्ली में ये सेंटर फिर से कार्यशील हो गया है. साथ ही यहां बेड की संख्या को भी 250 से बढ़ाकर 500 करने ओर प्रयास किए जा रहे हैं. राजनाथ सिंह ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे लखनऊ, पटना, वाराणसी और अहमदाबाद में 8-10 दिनों के भीतर और अन्य स्थानों पर भी, जहां आवश्यकता है, वहां पूरी तरह कार्यात्मक कोविड अस्पताल स्थापित करें.
डीआरडीओ के अध्यक्ष ने सिंह को बताया कि लखनऊ में 450 बेड का अस्पताल, वाराणसी में 750 बेड का अस्पताल और अहमदाबाद में 900 बेड का अस्पताल स्थापित करने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है. डॉ. रेड्डी ने बैठक में बताया कि ईएसआईसी अस्पताल, जिसे पटना के कोविड-19 अस्पताल में परिवर्तित किया गया है, उसने 500 बिस्तरों के साथ काम करना शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि लखनऊ में 450 बेड का अस्पताल, वाराणसी में 750 बेड का अस्पताल और अहमदाबाद में 900 बेड का अस्पताल स्थापित करने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है.
रक्षा मंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए उन रिटायर्ड सशस्त्र बल के कर्मियों की सेवाएं ली जा सकती हैं जिन्हें टीका लग चुका है. ये सेवानिवृत्त कर्मी सिविल प्रशासन/राज्य सरकारों की सहायता कर सकते हैं. बैठक के दौरान, राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों के जवानों और रक्षा मंत्रालय में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों के बीच कोविड-19 के प्रसार के तरीकों पर भी चर्चा की. उन्होंने कार्य स्थल पर कोविड के उचित व्यवहार के पालन पर जोर डाला, हर समय मास्क पहनने और शारीरिक दूरी कायम रखने की आवश्यकता पर भी बल दिया.
राजनाथ सिंह को इस बात की जानकारी दी गई कि कैसे सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा, डीआरडीओ, रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू), ओएफबी और रक्षा मंत्रालय के अन्य संगठनों जैसे राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) द्वारा कोविड-19 महामारी के इस मुश्किल दौर में देश की जनता की मदद की जा रही है.
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