नई दिल्ली। अदन की खाड़ी (Gulf of Aden) और अरब सागर (Arabian Sea) में हमलों के शिकार व्यापारिक जहाजों (merchant ships) को भारतीय नौसेना (Indian Navy) से समय पर मिल रही मदद के लिए दुनिया भारत (World India) को सराह रही है। कई रक्षा विशेषज्ञ और विद्वानों ने इसके लिए भारत को ‘सुपर पावर’ बताया, वहीं मदद के लिए चीन की ओर देखना बंद करने की भी सिफारिश की है।
इस बीच, नौसेना के आईएनएस विशाखापट्टनम (INS Visakhapatnam) ने खाड़ी में हूती आतंकियों (Houthi terrorists) के ड्रोन (Dron) हमले के शिकार व्यापारिक जहाज मार्लिन लुआंडा में लगी आग बुझा ली है। इस नए मिशन की सफलता के बाद यूरोप के अध्ययनकर्ता व इतिहासकार मार्टिन सौरबेरी ने लिखा, ‘अब चीजें भारत ने अपने हाथ में ले ली हैं। महाशक्ति का उदय हो रहा है… हमें चीन की तरफ मदद की अपेक्षा से देखना बंद कर देना चाहिए। रक्षा विश्लेषक डेमियन सिमन ने भी मिशन में भारत के योगदान का विश्लेषण किया है।
चीन कुछ नहीं कर पा रहा
ब्रिटिश पत्रकार मार्क अरबन ने लिखा, ‘उभरती हुई महान शक्तियों में यह देखना शानदार है कि भारत कैसे अदन की खाड़ी और लाल सागर में संकट के समय उभर कर आया है। चीन ऐसा कुछ नहीं कर पा रहा। इसी तरह अमीरात में मौजूद विशेषज्ञ हसन सजवानी ने अदन में भारतीय नौसेना की कार्रवाई को सराहा और नौसेना से जारी जानकारी को अपने अकाउंट पर री-पोस्ट किया।
सार मिशन : लगातार मदद कर रहा भारत
10 नौसैनिकों ने अंजाम दिया बचाव कार्य
नौसेना ने बताया कि मार्लिन लुआंडा में आग पर काबू पा लिया गया है। मदद की गुहार के बाद आईएनएस से 10 नौसैनिक और अग्निशमन के विशेष उपकरण 27 जनवरी की सुबह ही रवाना कर दिए गए थे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved